Friday, November 22, 2024
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आतंक की आग में जब खुद ही जलने लगा आतंकियों का पालनहार पाकिस्तान... तो चीन हुआ परेशान

ग्वादर पर बलूचिस्तानियों के हमले के बाद चीन की पाक में सीपीईसी योजना और खतरे में पड़ गई है। हालांकि ग्वादर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कैप्टन (सेवानिवृत्त) जोहेब मोहसिन ने कहा कि हालात अब काबू में हैं। मगर चीन को अपना प्रोजेक्ट खतरे में दिख रहा है। इसलिए वह पाकिस्तान के साथ आतंक के खिलाफ खड़ा होने की बात कह रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: March 21, 2024 17:23 IST
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

बीजिंगः आतंकियों का पालनहार कहा जाने वाला पाकिस्तान जब खुद आतंक की आग में झुलसने लगा तो उसका दोस्त चीन भी परेशान हो गया है। कभी संयुक्त राष्ट्र में आतंकियों पर प्रतिबंध के खिलाफ वीटो लगाने वाला चीन भी अब आतंकवाद से लड़ने की बात कह रहा है। बता दें कि चीन ने कई बार अमेरिका और भारत की ओर से पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो लगाया है। मगर अब वही चीन पाकिस्तान पर आतंकी हमले से परेशान है। चीन ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर बलोच उग्रवादियों के हमले की निंदा की और कहा कि बीजिंग आतंकवाद से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा के इस्लामाबाद के प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता है।

बता दें कि पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत स्थित ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर में बुधवार को घुसने की कोशिश कर रहे आठ बलोच उग्रवादियों को ढेर कर दिया गया। पाक फौज ने यह जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को बताया कि अभियान में सेना के दो जवानों की भी मौत हुई है। बंदरगाह परिसर में कई सरकारी और अर्धसैनिक बल के कार्यालय हैं और रणनीतिक रूप से अहम जगह पर स्थित ग्वादर बंदरगाह अरबों डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना का हिस्सा है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमने खबरें देखीं और हम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और हमले में पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने पर शोक प्रकट करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन आतंकवाद के सभी तरीकों के खिलाफ है और पाकिस्तान में राष्ट्रीय विकास तथा सामाजिक स्थिरता का पुरजोर समर्थन करता है।’’ जियान ने कहा, ‘‘हम आतंकवाद से लड़ने और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता की रक्षा के पाकिस्तान के प्रयासों का पुरजोर समर्थन करते हैं।’’ सेना की मीडिया इकाई अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उग्रवादियों के एक समूह ने बुधवार को बंदरगाह प्राधिकरण परिसर कॉलोनी में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों के जवानों ने उन्हें सफलतापूर्वक रोक लिया। बुधवार देर रात जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वहां तैनात सैनिकों ने प्रभावी तरीके से उग्रवादियों को रोका जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई और इसमें सभी आठ आतंकवादियों को मार गिराया गया।  इसमें कहा गया है कि मुठभेड़ में दो सिपाही भी मारे गए हैं।

चीन क्यों है परेशान

बलोच विद्रोही समूहों ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाते हुए पूर्व में पाकिस्तान पर कई हमले किए हैं। बीएलए बलूचिस्तान में चीन के निवेश का विरोध करता है। वह चीन और पाकिस्तान पर संसाधन संपन्न प्रांत के शोषण का आरोप लगाता है। सीपीईसी के अंतर्गत कई परियोजनाओं में हजारों चीनी नागरिक पाकिस्तान में काम कर रहे हैं। इससे चीन परेशान है। ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर पर यह हमला तब हुआ है जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनकी सरकार सीमा-पार से होने वाले आतंकवाद के किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेगी। (भाषा) 

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