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Pakistan: POK को पाकिस्तानी प्रांत बनाने वाला बिल हुआ वापस, पाक सरकार के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन

Pakistan: यह संशोधन बिल स्थानीय चुनावों की प्रक्रिया से जुड़ा है। जबकि POK क्षेत्र में लोगों के बीच इस्लामाबाद को लेकर जबरदस्त असंतोष है। इस्लामाबाद POK में लोगों को विश्वास में नहीं लेता है या उनके लिए बड़े फैसले लेने से पहले उनसे सलाह नहीं लेता है, इस बात पर भी हंगामा हुआ है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Aug 24, 2022 11:17 IST, Updated : Aug 24, 2022 11:17 IST
Prime Minister of Pakistan Shehbaz Sharif
Image Source : FILE PHOTO Prime Minister of Pakistan Shehbaz Sharif

Highlights

  • POK में हो रहा भारी विरोध प्रदर्शन
  • POK की सांविधानिक स्थिति को निर्धारित करने का 24वां प्रयास
  • कश्मीरियों को अधिकार छिनने का डर

Pakistan: पाकिस्तान में एक बार फिर पीओके के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहें हैं। पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर (POK) को प्रांतीय दर्जा देने वाला 15वां संशोधन बिल पाकिस्तान सरकार ने वापस ले लिया है। इस पॉलिसी को लेकर माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर पीओके के लोगों को धोखा दिया है। POK क्षेत्र में लोगों के बीच इस्लामाबाद को लेकर जबरदस्त असंतोष है।

POK की सांविधानिक स्थिति को निर्धारित करने का 24वां प्रयास

एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, विधायिका ने इस बिल को वापस लेने का फैसला किया है। पाकिस्तान सरकार द्वारा POK के अंतरिम संविधान में 15वें संविधान संशोधन बिल को पारित करने के संबंध में काफी उम्मीदें थीं। बिल में स्थानीय निकायों के लिए एक अलग चुनाव आयोग की स्थापना की बात शामिल थी जिसे सरकार ने 13 अगस्त 2022 को उस वक्त विपक्षी पीपीपी और पीएमएल-एन के समर्थन से पेश किया गया था। अब वही सियासी दल सत्तापक्ष में हैं। 15वां संशोधन POK की सांविधानिक स्थिति को निर्धारित करने का 24वां प्रयास था। इस मुद्दे पर POK विधानसभा कोई फैसला नहीं ले पाई।

पाकिस्तान सरकार की योजना पर कड़ी आपत्ति

यह संशोधन बिल स्थानीय चुनावों की प्रक्रिया से जुड़ा है। जबकि POK क्षेत्र में लोगों के बीच इस्लामाबाद को लेकर जबरदस्त असंतोष है। इसके अलावा, इस्लामाबाद POK में लोगों को विश्वास में नहीं लेता है या उनके लिए बड़े फैसले लेने से पहले उनसे सलाह नहीं लेता है, इस बात पर भी हंगामा हुआ है। बिल पेश किए जाने के बाद POK के सभी 10 जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध और जनसभाएं की गई हैं। प्रदर्शनकारियों ने इस क्षेत्र की सांविधानिक स्थिति को ठीक करने के लिए 15वां संशोधन लाने की पाकिस्तान सरकार की योजना पर कड़ी आपत्ति जताई।

हो रहा भारी विरोध प्रदर्शन

नए नियमों का मकसद 13वें संशोधन को वापस लेना था, जिसने स्थानीय सांसदों को इस्लामाबाद की मंजूरी के बिना बड़े राजनीतिक और आर्थिक निर्णय लेने का अधिकार दिया था। इस विधेयक को लेकर मुजफ्फराबाद के गिलानी चौक पर बंद का आह्वान किया गया। प्रदर्शन के मद्देनजर इलाके के सभी रास्ते बंद कर दिए गए। रावलकोट, बाग, पुंछ, मुजफ्फराबाद और नीलम घाटी जैसे इलाकों में विरोध प्रदर्शन जारी है।

अधिकार छिनने का डर

इस्लाम खबर की रिपोर्ट के मुताबिक, पीओके के लोग शहबाज़ सरकार द्वारा अपनी विशेष शक्ति के क्षेत्र को विभाजित करने और प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण लेने के प्रयासों से नाराज हैं। उन्हें उनके अधिकार छिनने का डर है। पाकिस्तान की योजना 15वां संशोधन लाने की है जो स्थानीय सरकार की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों को इस्लामाबाद में ट्रांसफर कर देगी। इससे स्थानीय लोगों के पास कोई अधिकार नहीं रह जाएंगे।

कश्मीरियों को कोई लाभ नहीं

POK के लोग एक लंबे अरसे से इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के विशाल भंडार का दोहन करने के इस्लामाबाद के इरादों के बारे में संदेह करते रहे हैं। बार-बार आरोप लगते रहे हैं कि पाकिस्तान यहां के समृद्ध जंगल, खनन और जल संसाधनों का शोषण कर रहा है जबकि कश्मीरी लोगों को कोई लाभ नहीं मिल सका।

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