Highlights
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का एक भी यह बंदरगाह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
- सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को दर्ज कराने के लिए बंदरगाह को बंद करने की चेतावनी
- चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ की यह एक प्रमुख परियोजना है
Pakistan: पाकिस्तान में अब चीन के लिए मुश्किलें आनी शुरू हो गई हैं। पाकिस्तान के नेता अब देश में चीन की संपत्तियों को बंद करने की धमकी देने लगे हैं। एक समय वो था जब पाक नेता चीन की हर हां में हां मिलाते थे, लेकिन अब वे विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक प्रमुख स्थानीय नेता ने धमकी दी है कि यदि राज्य सरकार की सहमति के बावजूद उसकी मांग को नहीं पूरा किया गया, तो 21 जुलाई से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह को बंद कर देंगे।
चीन के लिए महत्वपूर्ण है ग्वादर बंदरगाह
आपको बता दें कि चीन को अरब सागर में अपनी पहुंच बनाने के लिए यह बंदरगाह एक मजबूत हिस्सा है। इसके साथ ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का एक भी यह बंदरगाह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक खबर के अनुसार, ग्वादर अधिकार आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मौलाना हिदायतुर रहमान बलोच ने प्रेसवार्ता में कहा कि वादा नहीं पूरा करने पर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को दर्ज कराने के लिए बंदरगाह को बंद किया जाएगा।
‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट में कहा गया कि ग्वादर अधिकार आंदोलन की मुख्य मांगों में ‘ट्रॉलर’ माफिया से बलूचिस्तान के समुद्र तट को मुक्त कराना, ग्वादर में सीमा बिंदुओं को खोलना, मादक पदार्थों की तस्करी का अंत करना और गैर जरूरी चेकपोस्ट को खत्म करने की बात शामिल है। नेता ने कहा कि बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुदूस बिजेंजो ग्वादर आए और बलूचिस्तान के तट को ट्रॉलर माफिया से मुक्त करने समेत अन्य मांगों को पूरा करने का वादा किया।
बलोच नेताओं की हैं कई मांगे
रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने बलूचिस्तान में विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने प्रांत के लोगों के अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठाई। बलोच ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती के बावजूद सैकड़ों अवैध ट्रॉलर बलूचिस्तान के पानी में अवैध रूप से मछली पकड़ने में शामिल हैं, जिससे स्थानीय मछुआरे अपनी आजीविका से वंचित हो गए। साथ ही यह भी दावा किया कि मकरान और पंजगुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है और इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को संसाधन संपन्न प्रांत से फ्रंटियर कोर को हटाना होगा। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ की यह एक प्रमुख परियोजना है।