Highlights
- अमेरिका दौरे पर हैं पाकिस्तान के सेना प्रमुख
- नवंबर में सेना प्रमुख का पद छोड़ देंगे बाजवा
- इमरान खान ने कार्यकाल फिर बढ़ाने की मांग की
Pakistan General Qamar Javed Bajwa: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने देश को आश्वस्त किया है कि सशस्त्र बलों ने खुद को राजनीति से दूर कर लिया है और वे आगे भी यह जारी रखना चाहते हैं। मीडिया में बुधवार को प्रकाशित एक खबर में यह जानकारी दी गई है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल बाजवा ने भी तीन साल का अपना दूसरा कार्यकाल नवंबर में पूरा करने के बाद पद छोड़ने का अपना वादा दोहराया और कहा कि वह पहले किए गए अपने वादे को पूरा करेंगे। बाजवा फिलहाल अमेरिका में हैं।
सेनाध्यक्ष (सीओएएस) 61 वर्षीय जनरल बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। बाजवा को 2019 में दूसरे कार्यकाल के लिए तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था। उन्होंने वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास में आयोजित दोपहर के भोजन पर यह टिप्पणी की। समाचार पत्र ने इस अवसर पर मौजूद सूत्रों के हवाले से बताया कि बाजवा ने कहा कि सशस्त्र बलों ने खुद को राजनीति से दूर कर लिया है और वे आगे भी ऐसे ही रहना चाहते हैं। यह टिप्पणी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा सैन्य-विरोधी बयान देने के मद्देनजर आई है।
2016 में हुई थी बाजवा की नियुक्ति
बाजवा छह साल तक पाकिस्तानी सेना के शीर्ष पद पर रहे हैं। उन्हें शुरुआत में 2016 में नियुक्त किया गया था, लेकिन तीन साल के कार्यकाल के बाद, 2019 में इमरान खान की तत्कालीन सरकार ने उनकी सेवा को और तीन साल के लिए बढ़ा दिया। सेना प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री का एकमात्र विशेषाधिकार है। नए सेना प्रमुख की आगामी नियुक्ति विभिन्न कारणों से सुर्खियों में है। जब खान सत्ता में थे, विपक्ष ने उन पर अपनी पसंद के एक सेना प्रमुख को लाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, जो विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करने के उनके (खान के) कथित एजेंडे पर अमल कर सके।
जब से उन्होंने सत्ता गंवाई है, समीकरण बदल गया है और अब खान कह रहे हैं कि गठबंधन सरकार लूटी गई संपत्ति की रक्षा और आम चुनावों में अपनी मनमानी करने के लिए अपनी पसंद का एक सेना प्रमुख बिठाना चाहती है। बाजवा ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान की दुर्बल अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि राष्ट्र एक मजबूत अर्थव्यवस्था के बिना अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं होगा। कई पाकिस्तानी राजनयिकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, ‘मजबूत अर्थव्यवस्था के बिना कोई कूटनीति नहीं हो सकती है।’
अगले महीने होगी नए सेना प्रमुख की नियुक्ति
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि 2023 में तय कार्यक्रम के अनुसार देश में आम चुनाव होंगे और कानून और संविधान के तहत अगले महीने नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी। निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल नवंबर के अंत में समाप्त होने जा रहा है, जिससे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की कवायद में जुट गए हैं। पिछले महीने, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जल्द चुनाव कराने का आह्वान करते हुए कहा था कि नई सरकार चुने जाने तक जनरल बाजवा को एक और सेवा विस्तार दिया जाना चाहिए।
आसिफ ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नवंबर में कानून और संविधान के तहत नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी जबकि 2023 में जब मौजूदा नेशनल असेंबली का कार्यकाल खत्म हो जाएगा, तब निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराए जाएंगे। बाजवा छह साल से पाकिस्तानी सेना के शीर्ष पद पर आसीन हैं। उन्हें 2016 में नियुक्त किया गया था, लेकिन तीन साल के कार्यकाल के बाद 2019 में खान की तत्कालीन सरकार ने उनका कार्यकाल तीन साल के लिए और बढ़ा दिया था।
इमरान खान के सपने हुए चकनाचूर
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने वाले इमरान खान ने कहा कि जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान ने सोमवार को एक निजी चैनल पर ये बात कही है। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं। लेकिन वह ऐसा तभी करेंगे, जब सरकार उनकी जल्द चुनाव कराने की मांग को मान लेगी।
इमरान ने कहा कि जब तक देश में चुनाव नहीं हो जाते और नई सरकार का गठन नहीं होता, बाजवा को सेना प्रमुख के पद पर बने रहना चाहिए। लेकिन इमरान ने अपने इंटरव्यू में इस बयान को बाद में वापस ले लिया। वहीं अब जनरल बाजवा ने भी साफ कर दिया है कि वह अपने कार्यकाल को बढ़ाए जाने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं।