Pakistan News: पड़ोसी देश पाकिस्तान के भारत के पंजाब से सटे शहर लाहौर में हाल के महीनों में प्रदूषण का स्तर बहुत ही ज्यादा हो गया। दुनिया का सबसे खराब प्रदूषित शहर में लाहौर अव्वल रहा। हालत यह हो गई कि लोगों को सांस लेना दूभर हो गया। इस पर पाकिस्तान ने बड़ा कदम उठाया और लाहौर शहर पर पहली बार आर्टिफिशियल बारिश करवा दी। इस कृत्रिम बारिश से लाहौर की आबोहवा में थोड़ा सुधार आया है। जानिए पाकिस्तान ने यह आर्टिफिशियल बारिश कैसे कराई?
आईक्यू एयर के अनुसार 18 दिसंबर तक लाहौर में एक्यूआई का स्तर 192 था जो अस्वस्थ्य श्रेणी में है। पाकिस्तान ने पहली बार कृत्रिम बारिश कराई है। लाहौर में कराई इस बारिश से लाहौर की आबोहवा के हालात में थोड़ा सुधार है। पाकिस्तान ने बारिश के लिए 48 फ्लेयर्स वाले दो विमानों का इस्तेमाल किया। ये विमान उसे यूएई से उपहार में मिले हैं।
पाकिस्तान में पहली बार कृत्रिम बारिश का उपयोग
पाकिस्तान में पहली बार धुंध को साफ करने के लिए कृत्रिम वर्षा का इस्तेमाल किया गया। पाकिस्तान ने संयुक्त अरब से मिले बारिश का इस्तेमाल करते हुए लाहौर के धुंध को हटाने के लिए कृत्रिम बारिश की। अंतरिम मुख्यमंत्री मोहसिन ने कहा कि क्लाउड सीडिंग उपकरण से लैस विमानों ने लाहौर के 10 क्षेत्रों में उड़ान भरी। लाहौर अक्सर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल रहता है। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में निम्न श्रेणी के डीजल धुंए, मौसमी फसल जलने से निकलने वाली धुंआ के कारण वायु प्रदुषण बदतर हो गई है। अक्टूबर के महीने से ही पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार आर्टिफिशियल बारिश कराने पर गंभीरता से विचार कर रही थी।
क्या होती है आर्टिफिशियल बारिश?
कृत्रिम बरिश को क्लाउड सीडिंग के तौर पर भी जाना जाता है। यह केमिकल बारिश होती है। इसमें बादलों को विशेष केमिकल की मदद से बारिश के लिए तैयार किया जाता है। इससे होने वाली वर्षा को ही कृत्रिम बारिश कहा जाता है। हालांकि, यह कोई आसान प्रक्रिया नहीं होती है। इसके लिए बहुत तैयारियां होती हैं। बेहद प्रदूषित हवा होने की स्थिति में कई देशों ने जरूरत पड़ने पर कृत्रिम बारिश करवाई है। चीन की राजधानी बीजिंग में भी कृत्रिम बारिश करवाई जा चुकी है। वहां होने वाले अंतरराष्ट्रीय आयोजन से पहले कृत्रिम बारिश कराने की खबरें आती रही हैं। चीन में 2008 में बीजिंग ओलंपिक में क्लाउड सीडिंग उपकरण से लैस 21 विमानों की मदद से कृत्रिम बारिश कराई गई थी।
जी20 के पहले दिल्ली में भी कृत्रिम बारिश की थी तैयारी
भारत ने जी20 देशों का सम्मेलन सफलतापूर्वक अपनी मेजबानी में नई दिल्ली में संपन्न कराया। जब यह सम्मेलन होने वाला था, तब दिल्ली की हवा काफी 'जहरीली' हो गई थी। ऐसे में कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी थी। हालांकि तब जी20 के समय ही कुदरती बारिश हो गई, जिससे वातावरण साफ हो गया था।
भारत में सबसे पहले कब कराई गई थी कृत्रिम बारिश?
दुनिया में सबसे पहले कृत्रिम बारिश का कॉन्सेप्ट 1945 में विकसित किया गया था। आज दुनिया के 50 देशों में इस कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में सबसे पहले कृत्रिम बारिश 1951 में कराई ई थी। इसके बाद साल 1973 में आंध्र प्रदेश में सूखे की स्थिति पैदा होने के बाद यहां कृत्रिम बारिश करवाई गई थी। कर्नाटक और तमिलनाडु में भी इकरा प्रयोग किया गया था।