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पाकिस्तान ने चीन के सामने टेके घुटने, रिवॉल्विंग बैंक अकाउंट खोलने की मांग मानी, ड्रैगन को फायदा, मगर IMF को टेंशन

Pakistan China News: रिवॉल्विंग बैंक अकाउंट खोलने की चीन की मांग को पाकिस्तान ने मान लिया है। इस देश के लिए चीन के साथ अच्छे संबंध एक बार फिर महत्वपूर्ण हो गए हैं, क्योंकि सरकार आईएमएफ को संतुष्ट नहीं कर पाई है।

Edited By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Published on: December 07, 2022 7:22 IST
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग- India TV Hindi
Image Source : PTI पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

लंबे वक्त से चीन की गुलामी करने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर उसके सामने घुटने टेक दिए हैं। पाकिस्तान ने एक रिवॉल्विंग बैंक अकाउंट खोलने की चीन की मांग को मान लिया है। यह अकाउंट चीनी बिजली संयंत्रों को सर्कुलर कर्ज से आंशिक रूप से बचाएगा, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारियों के बीच यह चिंता का कारण बन सकता है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि पाकिस्तान ने आकस्मिक और परिवहन शुल्क को छोड़कर 372 डॉलर प्रति टन की कीमत पर 580,000 टन गेहूं के आयात की भी अनुमति दी, जिससे राष्ट्रीय खजाने पर न्यूनतम 21.6 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। आकस्मिक शुल्कों को शामिल करने के बाद गेहूं के आयात पर कुल 22.4 करोड़ डॉलर खर्च होंगे।

वित्तमंत्री इशाक डार ने कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक की अध्यक्षता की। ईसीसी ने रूसी राज्य के स्वामित्व वाले आपूर्तिकर्ता के साथ सरकार से सरकार के बीच दूसरे गेहूं अनुबंध पर मुहर लगा दी। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "ईसीसी ने सीपीईसी स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के लिए रिवॉल्विंग फंड अकाउंट का शीर्षक पाकिस्तान एनर्जी रिवॉल्विंग फंड से पाकिस्तान एनर्जी रिवॉल्विंग अकाउंट में बदलने के वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।" वित्त मंत्रालय ने ईसीसी को सूचित किया कि 8 नवंबर, 2014 को मूल सीपीईसी समझौते के अनुरूप लाने के लिए फंड की समीक्षा की गई थी।

1 अरब डॉलर से ज्यादा फंसे

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि महत्वपूर्ण खंड को लागू करने में पाकिस्तान को आठ साल लग गए और देरी से न केवल चीन के साथ संबंधों में तनाव पैदा हुआ, बल्कि चीनी कंपनियों के बकाया में 1 अरब डॉलर से अधिक की राशि फंस गई। हालांकि, यह कदम आईएमएफ को परेशान कर सकता है कि अपने सबसे बड़े शेयरधारक- अमेरिका के आग्रह पर चीनी कंपनियों को कोई तरजीह देने के खिलाफ पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है। लेकिन चीन के साथ अच्छे संबंध एक बार फिर महत्वपूर्ण हो गए हैं, क्योंकि सरकार आईएमएफ को संतुष्ट नहीं कर पाई है। आईएमएफ के साथ नौवीं समीक्षा वार्ता शुरू होने में देरी ने फिर से डिफॉल्ट की संभावना पर बहस शुरू कर दी है, जिसे डार ने मजबूती से नकार दिया है।

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