पेशावर: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में सेना के आतंकवाद-रोधी अभियानों के तहत नवंबर के महीने में 24 कमांडर सहित करीब 200 आतंकवादी मारे गए हैं। ये सभी आतंकवादी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, बलूच लिबरेशन आर्मी और अन्य आतंकवादी समूहों से जुड़े थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी समूहों द्वारा हाल ही में किए गए हमलों के मद्देनजर सुरक्षाबलों ने आतंकवादी समूहों के खिलाफ अपने अभियान तेज कर दिए हैं।
उन्होंने बताया कि इन अभियानों के तहत नवंबर महीने में 199 आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें प्रतिबंधित संगठनों के 24 प्रमुख कमांडर भी शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए कमांडरों में कथित तौर पर वरिष्ठ नेता शामिल थे और सुरक्षाबलों को लंबे समये से इनकी तलाश थी। ये सभी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), लश्कर-ए-इस्लाम, जमात-उल-अहरार, हाफिज गुल बहादुर ग्रुप, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) से जुड़े हुए थे।
पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा
पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सांप्रदायिक हिंसा में रविवार को कम से कम छह लोगों की मृत्यु होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 130 हो गई। वहीं, अशांत कुर्रम जिले में संघर्ष लगातार ग्यारहवें दिन भी जारी रहा। जिले में अलीजई और बागान जनजातियों के बीच संघर्ष 22 नवंबर को शुरू हुआ, जब पाराचिनार के पास यात्री वैन के काफिले पर हमला हुआ, जिसमें एक दिन पहले 47 लोग मारे गए थे। गंभीर रूप से घायल हुए कई यात्रियों ने बाद में दम तोड़ दिया, जिससे मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 57 हो गई।
पुलिस ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है तथा सुन्नी और शिया समूहों के बीच हाल ही में हुए संघर्ष विराम समझौते के बावजूद हिंसा जारी है। प्राप्त सूचना के मुताबिक, रविवार को छह और लोगों की मौतों के साथ मृतकों की संख्या 130 हो गई, जबकि आठ और लोगों के घायल होने की सूचना के बाद कुल घायलों की संख्या 186 हो गई। कुर्रम क्षेत्र में भी संचार व्यवस्था ठप है, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं तथा शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। (इनपुट-भाषा)