पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शुक्रवार को एक आत्मघाती बम हमले में एक पुलिस अधिकारी और एक महिला समेत दो संदिग्ध आतंकवादियों की मौत हो गयी। उसके बाद प्रशासन ने यहां ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की औचक जांच के दौरान सेक्टर 1 के 10/4 में यह हमला हुआ। जहां यह हमला हुआ वह रावलपिंडी से करीब 15 किलोमीटर दूर है। रावलपिंडी में देश का प्रभावी सैन्य प्रतिष्ठान है।
चेकिंग के दौरान हमलावर ने खुद को उड़ाया
पुलिस उपमहानिरीक्षक जफर चट्ठा ने मीडिया को बताया, ‘‘बम हमलावर गाड़ी चला रहा था और उसके साथ एक महिला भी थी। उसे पुलिस ने तलाशी के लिए रोका था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब पुलिस ने गाड़ी रोकी तब दोनों बाहर आये। तलाशी लेने के दौरान लंबे बालों वाला यह व्यक्ति गाड़ी के अंदर गया और उसने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया।’’ पुलिस के अनुसार महिला आतंकवादी की भी मौके पर मौत हो गयी। टीवी फुटेज में विस्फोट के बाद एक कार जलती हुई नजर आ रही है और उसे पुलिस अधिकारियों ने घेर रखा है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने लिया जिम्मा
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। टीटीपी प्रवक्ता मोहम्मद खालिद खुरासानी ने एक बयान में कहा कि उसके संगठन के आतंकवादियों ने वरिष्ठ नेता अब्दुल वली की हत्या का बदला लेने के लिए यह आत्मघाती हमला किया। अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में अगस्त में बम हमले में वली मारा गया था। गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि गाड़ी में ‘विस्फोटक भरा था’ और मकसद इस्लामाबाद में महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाना था। इस धमाके के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने पूरे शहर में सुरक्षा को देखते हुए ‘रेड अलर्ट’ का आदेश जारी कर दिया।
टीटीपी आतंकी ने कंट्रोल में ले लिया था थाना
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना की निंदा की और सुरक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘बेगुनाह लोगों का खून बहाने की आतंकवादियों की नापाक योजना कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा समय से की गयी कार्रवाई के कारण नाकाम हो गयी। ’’ पाकिस्तान सरकार के साथ पिछले महीने संघर्षविराम तोड़ने के बाद टीटीपी ने सुरक्षाबलों पर हमले बढ़ा दिए हैं। आज के इस हमले से कुछ ही दिन पहले गिरफ्तार एक टीटीपी आतंकवादी ने पुलिसकर्मी से एके 47 छीन ली थी और गोलियां चलाना शुरू कर दिया था। फिर उसने आतंकवाद निरोधक विभाग के थाने से दो अन्य वांछित आतंकवादियों को मुक्त कराया और उनके साथ मिलकर थाने पर उसने नियंत्रण कर लिया। इन टीटीपी आतंकवादियों से थाने में पूछताछ की जा रही थी।