पाकिस्तान की सेना ने आधिकारिक रूप से पहली बार ये सच्चाई कबूल की है कि 1999 के करगिल युद्ध में पाकिस्तान की सेना की सीधी भागीदारी थी. जिसमें पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध में पाकिस्तान के कई सैनिक मारे गए थे। शुक्रवार, 6 सितंबर को रक्षा दिवस के मौके पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पहली बार आखिरकार करगिल में पाक सेना के जवानों की मौत की बात स्वीकार कर ली है। इससे पहले पाकिस्तान इसे नकारता रहा है।
जानिए पाक आर्मी चीफ ने क्या कहा?
जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान के लोग बहादुर हैं, जो स्वतंत्रता के महत्व और इसके लिए भुगतान करने के तरीके को समझते हैं। चाहे वह 1948, 1965, 1971 हो या 1999 का करगिल युद्ध, हजारों सैनिकों ने देश और इस्लाम के लिए इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी है। इस तरह के बयान से पहली बार 25 साल में पाकिस्तानी सेना का ये कबूलनामा सामने आया है। बता दें कि इस आर्मी चीफ से पहले पाकिस्तानी सेना के किसी भी जनरल ने पद पर रहते हुए कारगिल युद्ध को लेकर ऐसा स्पष्ट बयान नहीं दिया था।
पाकिस्तानी सेना ने आधिकारिक तौर पर भारत के साथ 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी भागीदारी स्वीकार की है। रक्षा दिवस के मौके पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का कहना है, ''1948, 1965, 1971 और 1999 में कारगिल में पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध में हजारों शहीदों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की...''
(वीडियो) : 06-09-2024)
(स्रोत: पीटीवी न्यूज)
पाकिस्तान शुरू से दावा करता रहा है कि करगिल युद्ध में कश्मीरी उग्रवादी शामिल थे, जिन्हें वह मुजाहिदीन बताता है। इस कारण वह करगिल युद्ध में मारे गए अपने सैनिकों के शवों को लेने से भी इनकार कर दिया था। पाकिस्तान के इस दावे के बाद भारत ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ पाकिस्तानी सैनिकों का अंतिम संस्कार किया था।
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