
ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री "नो अदर लैंड" के फिलिस्तीनी सह-निर्देशक हमदान बल्लाल पर इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हमला हुआ। इसके बाद इजरायली सेना ने हमदान बल्लाल और दो अन्य नागरिकों को सोमवार को हिरासत में ले लिया, जिन्हें मंगलवार को रिहा किया गया। यह घटना वेस्ट बैंक के किरयात अरबा बस्ती के पास सुसिया गांव में हुई थी, जहां इजरायली बस्ती के कुछ निवासियों ने बल्लाल और उनके साथी फलस्तीनी नागरिकों पर हमला किया। फिल्म निर्माता बल्लाल ने बताया कि हमले के दौरान उनके सिर पर फुटबॉल की तरह लात मारी गई।
"एयर कंडीशनर के नीचे जमीन पर बैठाया"
बल्लाल ने बताया कि इजरायली सैनिकों ने उन्हें 20 घंटे से ज्यादा समय तक आंखों पर पट्टी बांधकर रखा और उन्हें तेज एयर कंडीशनर के नीचे जमीन पर बैठाया गया। उन्होंने बताया कि जब भी सैनिक अपनी गार्ड शिफ्ट पर आते थे तो वे उन्हें लात मारते, घूंसे मारते या डंडे से मारते थे। बल्लाल हिब्रू नहीं बोलते, लेकिन उन्होंने उन्हें अपना नाम और "ऑस्कर" शब्द कहते हुए सुना। मंगलवार को रिहा होने के बाद वेस्ट बैंक के एक अस्पताल में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, "मुझे एहसास हुआ कि वे मुझ पर खास तौर पर हमला कर रहे थे।"
इजरायली सेना ने जारी किया बयान
इजरायली सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि उसने पथराव करने के संदेह में तीन फलस्तीनी नागरिकों को हिरासत में लिया, जबकि एक इजरायली नागरिक को हिंसक टकराव के कारण गिरफ्तार किया गया था। सेना ने यह भी बताया कि उन्होंने इन गिरफ्तारियों के बाद पूछताछ के लिए इन्हें इजरायली पुलिस के पास सौंप दिया और एक इजरायली नागरिक को चिकित्सा उपचार के लिए क्षेत्र से निकाला।
फिल्म 'नो अदर लैंड' पर विवाद
ऑस्कर विजेता फिल्म 'नो अदर लैंड' में मसाफर याट्टा इलाके के निवासियों द्वारा इजरायली सेना से अपने गांवों को ध्वस्त करने से रोकने के संघर्ष को दर्शाया गया है। यह फिल्म इजरायली और फलस्तीनी दोनों ही समुदायों के बीच बढ़ते तनाव और संघर्ष को उजागर करती है। हमदान बल्लाल एवं बासेल आद्रा ने इस फिल्म का निर्माण इजराइली निर्देशक युवल अब्राहम और रेचल सोर के साथ मिलकर किया है। यह फिल्म 2024 में बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से लेकर अन्य कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों को जीत चुकी है। इसके बाद इजरायल और अन्य देशों में इस पर नाराजगी जताई गई है।
बासेल आद्रा ने घटना के बारे में बताया
अद्रा ने बताया कि सोमवार शाम को रमजान के दौरान, जब गांव के लोग रोजा खोल रहे थे, इजरायली बस्तीवासी गांव में घुस आए थे। उन्होंने बताया कि एक बस्तीवासी, जो पहले भी गांव पर हमला कर चुका था, सैनिकों के साथ बल्लाल के घर आया और सैनिकों ने हवा में गोली चलाई। अद्रा ने बताया कि उन्होंने बल्लाल को अपनी पत्नी और बच्चों के सामने पीटे जाने के बाद देखा। फिर सैनिकों को उन्हें हथकड़ी और आंखों पर पट्टी बांधकर सैन्य वाहन में ले जाते हुए देखा। (इनपुट- भाषा)
ये भी पढ़ें-
चीन के ‘खतरनाक’ इरादों की तारीफ महिला को पड़ी भारी, भड़के ताइवान ने उठाया बड़ा कदम
अलास्का की बर्फीली झील में विमान हुआ दुर्घटनाग्रस्त, पायलट और 2 बच्चों ने कुछ यूं बचाई अपनी जान