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सीमा पर चीन की हरकतों ने खत्म किया विश्वास, अजीत डोभाल की 'ड्रैगन' को दो टूक

भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने जोहान्सबर्ग में चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से मिलने के बाद दो टूक कहा है। डोभाल ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। इसलिए उसके साथ तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि वह इसे रोकता नहीं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 25, 2023 12:28 IST, Updated : Jul 25, 2023 15:38 IST
चीनी राजनयिक वांग यी और भारत के NSA अजीत डोभाल
Image Source : FILE चीनी राजनयिक वांग यी और भारत के NSA अजीत डोभाल

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से मुलाकात की है। इस दौरान भारत-चीन सीमा विवाद और वास्तविक नियंत्रण रेखा के विवादित मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के मामले पर चीन को दो टूक सुना दी है। भारत ने कहा है कि जब तक चीन एलएसी पर अपनी हरकतें बंद नहीं करता, तब तक दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हो सकते। डोभाल और वांग की मुलाकात सोमवार को जोहानिसबर्ग में ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ की बैठक के इतर हुई। वांग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति में विदेश मामलों के आयोग कार्यालय के निदेशक हैं।

डोभाल और उनकी मुलाकात इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग के बीच बैठक के कुछ दिन बाद हुई। भारत और चीन में इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा हुई। इससे पहले जयशंकर और वांग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन-चैन से संबंधित लंबित मुद्दों पर चर्चा की थी। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले तीन साल से सैन्य गतिरोध जारी है। जयशंकर ने इसे अपने लंबे राजनयिक करियर की सबसे जटिल चुनौती बताया है। भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक सीमा क्षेत्र में शांति कायम नहीं होगी, तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के मुताबिक, डोभाल से मुलाकात में वांग ने कहा कि दोनों देशों को आपसी रणनीतिक विश्वास बढ़ाना चाहिए, आम सहमति एवं सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बाधाओं को दूर करना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत तथा स्थिर विकास के रास्ते पर ले जाना चाहिए।

चीन ने कहा आधिपत्य का नहीं करेंगे प्रयास

‘शिन्हुआ’ के अनुसार, वांग ने जोर देकर कहा कि चीन कभी आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास नहीं करेगा और वह बहुपक्षवाद एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण का समर्थन करने तथा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के अधिक न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सहित अन्य विकासशील देशों के साथ काम करने को तैयार है। इससे पहले, डोभाल ने सोमवार को ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ की बैठक में साइबर सुरक्षा से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। एनएसए ने ब्रिक्स और ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ समूह के देशों के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय चर्चाएं भी कीं। दक्षिण अफ्रीका अगले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।(भाषा)

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