हनोई: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल वियतनाम की राजधानी हनोई में कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रोंग के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। गुयेन फू ट्रोंग का 19 जुलाई को निधन हो गया था। अजीत डोभाल ने वियतनाम के राष्ट्रपति टो लाम और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह समेत शोक संतप्त परिवार को व्यक्तिगत रूप से भारत की ओर से अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इससे पहले बैठक के दौरान, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह ने भारत सरकार और भारत के लोगों के प्रति अपनी कृतज्ञता जताई थी।
'भारत के लोग करते थे सम्मान'
दिवंगत महासचिव गुयेन फू ट्रोंग के वियतनाम-भारत संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान को सराहते हुए एनएसए डोभाल ने इस बात पर जोर दिया कि वह एक विद्वान नेता थे और भारत के लोग उनका सम्मान करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार वियतनाम और भारत के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को महत्व देती है। भारत सरकार विशेष रूप से रक्षा, व्यापार और निवेश जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक गहरा करना चाहती है।
वियतनाम और भारत के मजबूत संबंध
एनएसए डोभाल के साथ बैठक के बाद वियतनाम के पीएम कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह करीबी दोस्तों के स्नेह के साथ-साथ वियतनाम और भारत के लोगों के बीच की अनमोल परंपरा को दिखाता है। बयान में कहा गया, ''प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह ने सुझाव दिया कि दोनों देश व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और विकसित करने के लिए समन्वय जारी रखें। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना एवं दूरसंचार, डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पर और अधिक ध्यान देने तथा बढ़ावा देने की आवश्यकता है।''
पीएम मोदी ने जताया था दुख
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जुलाई को एक्स पर लिखा था, ”वियतनाम के नेता गुयेन फू ट्रोंग के निधन की खबर से दुखी हूं। हम दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देते हैं। हम अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और दुख की इस घड़ी में वियतनाम के लोगों और नेतृत्व के साथ एकजुटता से खड़े हैं।"
यह भी पढ़ें:
कमला हैरिस ने PM नेतन्याहू से की मुलाकात, कहा 'इजराइल को है आत्मरक्षा का अधिकार लेकिन...'दक्षिण अफ्रीका में रचा गया इतिहास, पहली बार हुआ ऐसा जिसकी पूरी दुनिया में हो रही है चर्चा