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Exclusive: सबसे बड़े प्रवासी भारतीय महात्मा गांधी के देश में सबसे ज्यादा पैसा भेजते हैं NRI, दुनिया में सबसे आगे

महात्मा गांधी पहले प्रवासी भारतीय थे जो वर्ष 2015 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे। उनके भारत आने की स्मृति में 2003 से यह दिवस मनाया जा रहा है। जानिए इस प्रवासी भारतीय दिवस के क्या हैं मायने। दुनियाभर में NRI और उनका भारत के प्रति प्रेम देश के लिए कितना फायदेमंद हो रहा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: January 09, 2024 16:20 IST
प्रवासी भारतीय दिवस- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV प्रवासी भारतीय दिवस

Pravasi Bhartiya Diwas 2024: आज 9 जनवरी प्रवासी भारतीय दिवस है। इस खास दिवस को मनाने की शुरुआत सन 2003 में अटलजी की सरकार ने की थी। महात्मा गांधी सबसे पहले प्रवासी भारतीय थे। वे 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे थे और वापस आकर देश में आजादी की लौ जगाई थी। उनके वापस लौटने और स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत करने की याद में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। इस दिन अलग अलग क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि पाने वाले प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस पर जानिए दुनियाभर में मौजूद NRI यानी प्रवासी भारतीयों की संख्या कितनी है। हर साल कितने लोग भारत से विदेश जाते हैं। ये NRI भारत की अर्थव्यवस्था में कितनी राशि का योगदान करके अपने देश के प्रति अपना कर्तव्य समझकर काम कर रहे हैं। 

विविधता में एकता का प्रतीक है प्रवासी भारतीय दिवस

2024 में, प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को मनाया जा रहा है। यह प्रमुख कार्यक्रम विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है और भारत के विभिन्न क्षेत्रों की विविधता और प्रगति को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न शहरों में आयोजित किया जाता है। वैसे 2021 में कोरोना की वजह से प्रवासी भारतीय दिवस नहीं मनाया जा सकता। लेकिन इसके अलावा 2003 से ही यह सम्मेलन लगातार मनाया जा रहा है।

प्रवासी भारतीय दिवस

Image Source : INDIA TV
प्रवासी भारतीय दिवस

मोदी सरकार ने 2013 में किया संशोधन

हालांकि पहला प्रवासी भारतीय दिवस अटलजी की एनडीए सरकार ने साल 2003 में पहली बार मनाया था। अटलजी की सरकार ने ही प्रवासी भारतीयों के महत्व को समझा और इस दिवस का आगाज किया। तब से यह अनवरत मनाया जाने लगा। फिर पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में साल 2015 में इसमें संशोधन किया गया और उसके बाद से हर साल के अंतराल के बाद भारतीय प्रवासी दिवस मनाया जाने लगा। 

अपने वतन में पैसा भेजने के मामले में प्रवासी भारतीय सबसे आगे

भारत प्रवासियों द्वारा धन पाने वाले देशों में सबसे ऊपर बना हुआ है। प्रवासियों ने ना सिर्फ सबसे ज्यादा धन भेजा बल्कि पहले के मुकाबले लगभग 20 फीसदी वृद्धि भी हुई। कोरोना महामारी के कारण जब दुनिया वित्तीय और आर्थिक संकटों से जूझ रही थी, तब भी भारत के बाहर रहने वाले प्रवासियों ने देश में पैसा भेजना जारी रखा। भारत को कुल 111.2 अरब डॉलर मिले। 

प्रवासी भारतीयों ने विदेशों में बढ़ाई भारत की धाक

वहीं अंतरराष्ट्रीय प्रेषण में देखा जाए तो भारत को 2020 में 83.15 अरब डॉलर प्राप्त हुए है। इसमें 60 अरब डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर और 43 अरब डॉलर के साथ मेक्सिको तीसरे स्थान पर है। विदेश में रहने वाले मजदूरों और श्रमिकों द्वारा उनके घरेलू देशों में भेजे गए धन को 'अंतरराष्ट्रीय प्रेषण' कहा जाता है। भारत की धाक का इस बात से भी पता चलता है कि दुनिया भर में प्रवासियों द्वारा अपने देश भेजे गए प्रत्येक 6 डॉलर में से 1 डॉलर भारत आया है।

प्रवासी भारतीय दिवस

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प्रवासी भारतीय दिवस

दुनियाभर में कितने प्रवासी भारतीय?

यदि बात की जाए कि दुनियाभर में प्रवासी भारतीयों की संख्या कितनी है तो पहले तो ये कि जो लोग भारत छोड़कर विश्व के दूसरे देशों में जा बसे हैं उन्हे प्रवासी भारतीय कहते हैं। ये विश्व के अनेक देशों में फैले हुए हैं। विश्व के 48 देशों में रह रहे प्रवासियों की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है। जो कि आस्ट्रेलिया की जनसंख्या के लगभग बराबर है।

काम की तलाश में कितने भारतीय जा रहे विदेश?

संयुक्त राष्ट्र ने विश्व प्रवासन रिपोर्ट जारी की है । इसके मुताबिक, 2023 में देश के लगभग 1.79 करोड़ लोग काम की तलाश में अपनी मातृभूमि को छोड़कर बाहर गए है। ये प्रवासी भारत सरकार के लिए एक शक्तिशाली संसाधन से कम नहीं है।

पीएम मोदी के आने के बाद से प्रवासी भारतीय सम्मेलन में क्या आए बदलाव?

पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर के प्रवासी भारतीयों में अपने देश, अपने वतन और ​अपनी मिट्टी के प्रति कर्तव्यबोध को क्रांतिकारी रूप से बढ़ा दिया है। मोदी सरकार ने देश के लिए जिस शिद्दत से काम किया और विश्व में भारत की धाक को बढ़ाया है, इसका प्रतिसाद पीएम मोदी की हर विदेश यात्रा में दिखाई देता है, जब प्रवासी भारतीय पूरे दमखम, पूरे जोश और उत्साह के साथ पीएम मोदी और भारत के प्रति अपने उत्साह और खुशियों का इजहार करते हैं। चाहे वो अमेरिका में 'हाउडी मोदी' हो या जापान, जर्मनी, मिडिल ईस्ट के देश हों। 

प्रवासी भारतीय दिवस

Image Source : FILE
प्रवासी भारतीय दिवस

पीएम मोदी जानते हैं प्रवासी भारतीयों के 'सेंटिमेंट्स'

दरअसल, पीएम मोदी ने पूरी दुनिया के भारतीयों को एकजुट किया है। चूंकि गुजरात से बड़ी संख्या में नागरिक विदेशों में जाकर बसे हैं, इसलिए एक गुजराती होने और गुजरात राज्य के लंबे समय तक सीएम बने होने के नाते पीएम मोदी को इस बात का इल्म है कि एक प्रवासी भारतीय के 'सेंटिमेंट्स' क्या होते हैं, उन्हें किन चीजों की जरूरत होती है। 

बाइडेन से लेकर एल्बनीज तक NRI के बीच 'मोदी मैजिक' के प्रशंसक

न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर पीएम मोदी का संबोधन हो या आस्ट्रेलिया  सिडनी में क्वाडोस बैंक एरेना में पीएम मोदी का संबोधन हो। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर आस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी एल्बनीज तक पीएम मोदी की प्रवासी भारतीयों में लोक​प्रियता को देखकर हैरान हुए हैं और खुद ​पीएम मोदी से मिलकर इस 'मोदी मैजिक' के लिए उन्हें बधाई दी है। 

देश की इकोनॉमी में प्रवासी भारतीयों की सहभागिता का नया अध्याय, विशेषज्ञ की नजर में

देश के ख्यात अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी के अनुसार यकीनन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पिछले एक दशक में प्रवासी भारतीयों के साथ सहयोग और सहभागिता का एक नया अध्याय लिखा गया है और प्रवासी भारतीय भारत के अधिक नजदीक आए हैं। इन दिनों पूरी दुनिया में प्रवासी भारतीयों से संबंधित दो खास बातें रेखांकित हो रही है। एक, जहां प्रवासी भारतीय अर्थव्यवस्था को बल दे रहे हैं, वहीं भारत भी अपने प्रवासियों के हितों की रक्षा का प्रभावी हिमायती बना हुआ है।

  • हाल ही में प्रकाशित विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में प्रवासी भारतीयों ने विदेश में कमाई करके अन्य सभी देशों की तुलना में सबसे अधिक धन (रेमिटेंस) भारत भेजा है और दुनिया में भारतीय मूल के लोगों और प्रवासी भारतीयों से सम्बद्ध अमेरिका स्थित इंडिया फिलांथ्रोपी अलायन्स (आईपीए) के तत्वावधान में नए वर्ष में भारत के विकास में अधिक सहयोग की रणनीति बनाई गई है। 
  • 28 दिसंबर को भारत ने कतर में जिन आठ नौसेना के पूर्व भारतीय अधिकारियों की फांसी की सजा को घटवाने में कूटनीतिक भूमिका निभाई है, उनमें एक पूर्णेदु तिवारी भी है जिन्हें 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा गया था। 
  • उल्लेखनीय है कि हाल ही में विश्व बैंक के द्वारा जारी ‘माइग्रेशन एंड डेवलमपेंट ब्रीफ’ रिपोर्ट 2023 के मुताबिक विदेश में कमाई करके अपने देश में  में 125 अरब डॉलर का धन भेजने के साथ वर्ष 2023 में भारतीय प्रवासी दुनिया में सबसे आगे रहे हैं। 

2023 में वैश्विक मंचों पर भी प्रवासी भारतीयों की प्रभावी भूमिका

डॉक्टर भंडारी के अनुसार जहां दुनिया के विभिन्न देशों में प्रभावी भूमिका निभा रहे भारतवंशी और प्रवासी भारतीय भारत के आर्थिक और तकनीकी विकास में भी अपने अभूतपूर्व योगदान के नए अध्यायों के साथ वैश्विक मंच पर भारत के हितों की जोरदार हिमायत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 के  आयोजन और उसकी सफलता में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका रही है।

 तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनाने में NRI का भी होगा योगदान

डॉ. भंडारी के मुताबिक हम उम्मीद करें कि नए वर्ष 2024 में प्रवासियों के साथ स्नेह व सहभागिता के नए अध्याय लिखे जा सकेंगे। साथ ही प्रवासी भारतीय अपने ज्ञान व कौशल की शक्ति से भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने, वर्ष 2027 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हुए दिखाई देंगे।

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