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अब मां-बाप को वापस मिलेगी 2 वर्ष की मासूम "अरिहा", भारत ने जर्मनी के राजदूत को किया तलब

जर्मन अदालत के संरक्षण में 20 माह से रह रही अरिहा को आजाद कराने के लिए भारत की ओर से पहल शुरू कर दी गई है। भारत ने इस हफ्ते जर्मनी के राजदूत को तलब करके पूरे मामले से अवगत कराया है। साथ ही अरिहा को जल्द उसके मां-बाप के हवाले कराने के लिए सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 03, 2023 20:16 IST, Updated : Aug 03, 2023 20:16 IST
जर्मनी की प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : AP जर्मनी की प्रतीकात्मक फोटो

एक मामूली चूक के चलते अपने मां-बाप से जुदा हुई 2 वर्ष की अरिहा को जर्मनी की अदालत से आजाद कराने के लिए भारत ने पहल शुरू कर दी है। प्रवासियों द्वारा पीएम मोदी से अरिहा को बचाने की अपील किए जाने के बाद भारत ने जर्मनी के राजदूत को तलब करके अरिहा को आजाद कराने के मसले पर बातचीत की। बता दें कि प्रवासियों की अपील के बाद भारत ने इस सप्ताह जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन को तलब किया और एक भारतीय बच्ची की वापसी के लिए जोर दिया, जो 20 महीने से अधिक समय से बर्लिन के देखभाल केंद्र में रह रही है। अरिहा शाह को दुर्घटनावश चोट लगने के बाद 23 सितंबर, 2021 को जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय की देख-रेख में रखा गया था। वह तब से बाल देखभाल केंद्र में है। घटना के समय अरिहा की उम्र सात महीने थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि एकरमैन को इस सप्ताह की शुरुआत में अरिहा मुद्दे पर तलब किया गया था। भारत का मानना है कि बच्ची के लिए उसके भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में रहना महत्वपूर्ण है। पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मन की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक को बच्ची के संबंध में अपनी चिंताओं से अवगत कराया था। जर्मनी की अदालत ने एक मामले में दो वर्ष की मासूम अरिहा को अपनी हिरास में लेने के बाद संरक्षण में रख लिया है। इसके बाद से ही भारतीय मूल के माता-पिता को उसे पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इस संबंध में जर्मनी में प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्य  फ्रैंकफर्ट में विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। 

माता-पिता से 7 माह में ही दूर हो गई अरिहा

वर्तमान में जर्मन राज्य सेवाओं की हिरासत में मौजूद बच्ची अरिहा शाह को उसके भारतीय माता-पिता से मिलाने की पहल चल रही है। वह सिर्फ 7 माह की उम्र में ही मां-बाप से कानूनी पचड़े की वजह से जुदा हो गई। प्रवासी भारतीयों ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मदद करने की अपील की थी। बच्ची के माता-पिता कानूनी लड़ाई लड़ते हुए परेशान हैं। उन्होंने भी पीएम मोदी से मदद मांगी है। जर्मनी में प्रवासी भारतीय प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लहरा रहे थे और उन्होंने तख्तियां थामी हुई थीं, जिन पर लिखा था ‘‘मोदीजी अरिहा को बचाइये!’’ और ‘‘अरिहा भारतीय है। अरिहा के माता-पिता भावेश और धारा सितंबर 2021 से अपनी बेटी को वापस पाने के लिए लड़ रहे हैं। मगर जर्मनी की अदालत को माता-पिता पर भरोसा नहीं हो पा रहा है।  लिहाजा प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है। (भाषा)

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