Highlights
- अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है पाकिस्तान
- पाकिस्तान का होने वाला है श्रीलंका से भी बुरा हाल
- अब कहीं का नहीं रह जाएगा पाकिस्तान
Pakistan in Crisis: क्या अब पाकिस्तान के खात्मे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, क्या अब पाकिस्तान का आखिरी दिन नजदीक आ गया है, क्या पाकिस्तान अब इतिहास बनने वाला है... क्या पाकिस्तान में बड़ी तबाही दस्तक देने वाली है। क्या अब पाकिस्तान कभी इस नए संकट से उबर नहीं पाएगा। इत्यादि तमाम ऐसे सवाल हैं जो दुनिया की सबसे बड़ी संस्था की ओर से पाकिस्तान को दी गई चेतावनी के बाद उठ खड़े हुए हैं। आप सोच रहे होंगे कि यह सब बातें क्यों और कौन कह रहा है। तो आइए आपको बताते हैं।
अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड(आइएमएफ) ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर अब तक की सबसे बड़ी भविष्यवाणी की है। आइएमएफ ने चेताते हुए कहा है कि जल्द ही पाकिस्तान का हाल श्रीलंका से भी बदतर होने वाला है। पाकिस्तान अपनी खराब नीतियों और बाढ़ से इन दिनों विक्लांग हो चुका है। पाकिस्तान अब दुनिया भर से भीख की उम्मीद कर रहा है। मगर कोई भीख भी दे तो कितनी? आइएमएफ के अनुसार पाकिस्तान का आखिरी वक्त बहुत जल्द नजदीक आन वाला है। यानि पाकिस्तान में अब तक की सबसे बड़ी तबाही आने वाली है। इसके बाद पाकिस्तान कभी उठ पाने की चेस्टा भी आसानी से शायद नहीं कर पाएगा।
पाकिस्तान को खा जाएगा ये जिन्न
आइएमएफ के अनुसार पाकिस्तान में अगस्त महीने में महंगाई दर 27.3 फीसद पहुंच चुकी है। इससे खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से उछाल आ रहा है। इस महंगाई की वजह से पाकिस्तान के हालात श्रीलंका से भी बदतर होने जा रहे हैं। महंगाई का यह जिन्न पाकिस्तान को खा जाएगा। यहां भी श्रीलंका की तरह जल्द ही विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो सकता है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उबाल से देश में ‘सामाजिक विरोध और अस्थिरता’ की स्थिति पैदा हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने यह चेतावनी दी है। पाकिस्तान में मुद्रास्फीति को आंकने वाला उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अगस्त में 27. 3 प्रतिशत पर पहुंच चुका है।
47 साल बाद पाकिस्तान के इतने बुरे हाल
पाकिस्तान में वर्ष 1975 के बाद महंगाई दर पहली बार इतनी ऊंचाई पर पहुंची है। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में यह स्थिति तब है जब खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भीषण बाढ़ के प्रभाव का अभी आकलन किया जाना बाकी है। आइएमएफ ने सातवीं और आठवीं समीक्षाओं के सारांश में कहा, ‘‘खाद्य वस्तुओं और ईंधन की ऊंची कीमतें सामाजिक विरोध और अस्थिरता को भड़का सकती हैं।
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सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने वाली है पाकिस्तान की जनता
आइएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने इस सप्ताह की शुरुआत में पाकिस्तान के छह अरब डॉलर के रुके हुए कार्यक्रम की सातवीं और आठवीं समीक्षा को मंजूरी दी थी। इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) को बुधवार को नकदी संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए 1.16 अरब डॉलर की जमा मिली थी। विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) के तहत जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर घरेलू और बाहरी वातावरण को देखते हुए परिदृश्य और कार्यक्रम कियान्वयन को लेकर जोखिम ऊंचा बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन के जोखिम के अलावा सामाजिक-राजनीतिक दबाव भी ऊंचा रहने की आशंका है।
इसका नीति और सुधार कार्यान्वयन पर भी असर पड़ सकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति अप्रैल के मध्य से नाजुक बनी हुई है। तब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक नाटकीय अविश्वास प्रस्ताव में हटा दिया गया था। इसके बाद से विपक्षी नेता शहबाज शरीफ गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।