अब देश की महिलाएं भी सेना में प्रमुख पदों और विभागोंं में भर्ती होकर दुश्मनों के लिए चुनौती पेश कर रही हैं। अब भारतीय सेना ने पहली बार अपनी तोपखाना रेजीमेंट में पांच महिला अधिकारियों को शामिल किया है, जिनमें से तीन की नियुक्ति चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात दस्तों में गई है। सेना के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि तोपखाना रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट महक सैनी, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे, लेफ्टिनेंट अदिति यादव और लेफ्टिनेंट पायस मुद्गिल और लेफ्टिनेंट अकांक्षा को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद शामिल किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि पांच महिला अधिकारियों में से तीन की तैनाती चीन से लगती एलएसी की जिम्मेदारी संभाल रही यूनिट में की गई है जबकि बाकी दो अधिकारियों की तैनाती पाकिस्तान से लगती सीमा पर ‘चुनौतीपूर्ण स्थानों’ पर की गई है। सेना का तोपखाना रेजीमेंट अहम लड़ाकू हिस्सा है जिसके अंतर्गत 280 यूनिट हैं जो बोफोर्स हेवित्जर , धनुष, एम-777 हेवित्जर और के-9 वज्र तोप सहित विभिन्न तरह के तोपों का परिचालन करती है। सूत्रों ने बताया कि इन युवा महिला अधिकारियों को सभी अहम तोपखाना यूनिट में तैनाती दी जा रही है ताकि उन्हें रॉकेट, फिल्ड ऐंड सर्विलांस ऐंड टारगेट ऐक्वज़िशन (एसएटीए) प्रणालियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त हो सके।
यहां मिली महिला अधिकारियों को तैनाती
सेना के अनुसार लेफ्टिनेंट को एसएटीए रेजीमेंट में, लेफ्टिनेंट दुबे और लेफ्टिनेंट यादव को फिल्ड रेजीमेंट में, लेफ्टिनेंट मुद्गिल को मीडियम रेजीमेंट में और लेफ्टिनेंट अकांक्षा को रॉकेट रेजीमेंट में तैनाती दी गई है। एक सूत्र ने बताया कि तोपखाना रेजीमेंट में महिला अधिकारियों की तैनाती भारतीय सेना में चल रहे परिवर्तन का प्रमाण है। जनवरी में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने तोपखाना इकाइयों में महिला अधिकारियों को शामिल करने की घोषणा की थी। बाद में सरकार ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी थी। सूत्रों ने बताया कि शनिवार को ओटीए में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद 19 पुरुष अधिकारियों को भी तोपाखाना रेजीमेंट में कमीशन दिया गया है।