पड़ोसी देश पाकिस्तान की राजनीति में पिछले कई महीनों से अलग हलचल चल रही है। पूर्व पीएम इमरान खान के आंदोलन से लेकर उन्हें गोली लगने और फिर भ्रष्टाचार के मुकदमे में जेल जाने से लेकर पूर्व पीएम नवाज शरीफ की स्वदेश वापसी की चर्चाओं के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का 12 अगस्त को इस्तीफा और उसके बाद पूरी सरकार का भंग होना, सबकुछ नई कहानी कह रहा है। आगे इस पाकिस्तान का क्या होगा कोई नहीं जानता। मगर पीएम शहबाज शरीफ के इस्तीफे के बाद अब पाकिस्तान को कार्यवाहक प्रधानमंत्री मिल गया है। पाकिस्तान के नवनियुक्त कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ आम चुनाव संपन्न नहीं होने और नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति नहीं होने तक कार्यवाहक के तौर पर कार्य करते रहे हैं। इस वक्त पाकिस्तान में प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि उनका पूरा मंत्रिमंडल भी कार्यवाहक हो गया है।
काकड़ और उनके 18 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को शपथ ली, जिसका उद्देश्य आम चुनाव तक नकदी संकट से जूझ रहे देश का संचालन और सत्ता का निर्बाध हस्तांतरण सुनिश्चित करना है। सरकारी प्रसारक ‘रेडियो पाकिस्तान’ ने अपनी खबर में बताया कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कार्यवाहक मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई। पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी को विदेश मंत्री, सरफराज बुगती को गृह मंत्री, शमशाद अख्तर को वित्त मंत्री, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अनवर अली हैदर को रक्षा मंत्री और वरिष्ठ पत्रकार मुर्तजा सोलांगी को सूचना मंत्री नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, अन्य मंत्रालय के मंत्रियों ने भी शपथ ली। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया गया, जिससे शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार का कार्यकाल समाप्त हो गया और कार्यवाहक सरकार स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
आगामी 3 माह में हो सकते हैं चुनाव
पाकिस्तान में आम चुनाव आगामी 90 दिनों के भीतर होने की उम्मीद है, लेकिन निर्वाचन आयोग अगर नयी जनगणना के आधार पर परिसीमन कराता है तो इसमें अधिक समय लग सकता है। इस बीच पाकिस्तान के हालात को देखते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न होने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। लिहाजा अमेरिका ने भी पाकिस्तान में चुनावों के दौरान धांधली और अराजकता की आशंका जाहिर की है। मगर नवनियुक्त पीएम ने अमेरिका को पाकिस्तान में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने का भरोसा दिया है। (भाषा)
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