अमेरिका ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन भी भारत के साथ अपने संबंधोंं को गहरा करना चाहता है। भारत से तमाम पश्चिमी देश दोस्ती करना चाहते हैं। यह नए भारत की ताकत और पीएम मोदी के नेतृत्व का परिणाम है। आज वैश्विक मंदी की चपेट में घिरती दुनिया को सिर्फ भारत से उम्मीद दिख रही है। दक्षिण एशिया के लिए ब्रिटेन के विदेश मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद चार दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचे और इस दौरान वह विज्ञान, अनुसंधान एवं नवोन्मेष के क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इस यात्रा में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष पर ध्यान केंद्रित करना विश्वभर में इन क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने कहा कि ब्रिटेन और भारत के संबंध मजबूत करना ब्रिटेन की विदेश नीति का अहम स्तम्भ है। लॉर्ड अहमद ने अपनी यात्रा से पहले कहा था, ‘‘ब्रिटेन और भारत विश्वसनीय साझेदार है, जो हमारे देशों एवं लोगों को निकटता से जोड़ने वाले अनूठे पुल से जुड़े हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में भारत और ब्रिटेन के संबंधों के लिए 2030 रोडमैप की दिशा में काम करते हुए हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर अपने सहयोग को गहरा कर रहे हैं। दोनों देशों में नए नवोन्मेष ला रहे हैं।
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता है अहम बिंदु
तारिक की यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत और ब्रिटेन एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहे हैं, जिससे व्यापारिक संबंध को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच 2022 में 36 अरब ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग का कारोबार हुआ था। एफटीए वार्ता का 10वां दौर पांच जून से नयी दिल्ली में शुरू होगा। तारिक की राजस्थान की यात्रा दक्षिण एशिया के लिए ब्रिटेन के विदेश मंत्री के रूप में अपनी मां के जन्मस्थान जोधपुर की उनकी पहली यात्रा होगी। वह प्रतिष्ठित मेहरानगढ़ किले का दौरा करेंगे और महिला नेताओं के साथ शिक्षा, स्थिरता और लैंगिक समानता पर चर्चा करेंगे।