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साउथ कोरिया को मिला किम जोंग के ‘जासूसी उपग्रह’ का मलबा, जांच के बाद सामने आया बड़ा बयान

साउथ कोरिया ने उस कथित जासूसी उपग्रह का मलबा ढूंढ़ निकाला है जिसकी नॉर्थ कोरिया ने पिछले महीने असफल लॉन्चिंग की थी।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published : Jul 05, 2023 8:32 IST, Updated : Jul 05, 2023 8:32 IST
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Image Source : AP नॉर्थ कोरिया ने बड़ी उम्मीदों के साथ यह ‘जासूसी उपग्रह’ लॉन्च किया था।

सियोल: साउथ कोरिया की सेना ने हाल ही में लॉन्च किए गए नॉर्थ कोरिया के पहले जासूसी उपग्रह का मलबा बरामद किया है। नॉर्थ कोरिया के इस उपग्रह की मई में हुई लॉन्चिंग असफल रही थी और इसे ले जा रहा रॉकेट टेकऑफ के कुछ ही देर बाद समुद्र में क्रैश हो गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साउथ कोरिया की सेना ने बताया है कि ऐसा नहीं लगता कि किम जोंग का यह सैटेलाइट सैन्य जासूसी करने में सक्षम था। उसने कहा कि यूएस एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर की गई जांच में यह सामने आया है कि ये उपग्रह किसी भी तरह की सैन्य जासूसी नहीं कर सकता।

किम जोंग ने बड़े अधिकारियों संग की थी बैठक

बता दें कि उत्तर कोरिया के शीर्ष अधिकारियों ने इस कथित जासूसी उपग्रह की पहली लॉन्चिंग की असफलता को इस साल की ‘सबसे गंभीर’ चूक करार दिया था और कहा था कि वे इसको दोबारा लॉन्च करेंगे। उन्होंने इसकी असफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की तीखी आलोचना भी की थी। असफल लॉन्चिंग और उत्तर कोरिया के शस्त्रों के आधुनिकीकरण के प्रयासों पर सत्तारूढ़ दल की बैठक में गहन चर्चा की गयी थी। बताया जा रहा है कि यह बैठक 3 दिन तक चली थी और इसमें उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अन्य बड़े अधिकारी मौजूद थे। 

कम वक्त में दोबारा लॉन्चिंग के दिए थे निर्देश
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों को असफलता से सबक लेने, इसके कारणों का पता लगाने तथा कम वक्त में दोबारा लॉन्चिंग करने के निर्देश दिए हैं। किम जोंग अपने खूंखार रवैये के लिए जाने जाते हैं, लेकिन नॉर्थ कोरिया के निगरानी संगठनों ने प्रक्षेपण की असफलता को लेकर वैज्ञानिकों अथवा इससे जुड़े अन्य लोगों को बर्खास्त किए जाने या उनके साथ किसी प्रकार का बुरा बर्ताव होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि किम जोंग का बर्ताव देश के हथियार निर्माण कार्यक्रम में लगे वैज्ञानिकों और तकनीशियनों के साथ अच्छा है।

किम जोंग की कोशिशों को लगा था बड़ा झटका
बता दें कि वर्ष 2022 की शुरुआत से अब तक उत्तर कोरिया 100 से ज्यादा मिसाइल टेस्ट कर चुका है, इसमें से कुछ जासूसी उपग्रह के निर्माण से तथा अन्य शक्तिशाली हथियार निर्माण से जुड़े हैं। बता दें कि मई के अंत में इस जासूसी उपग्रह ले जाने वाला उत्तर कोरियाई रॉकेट लॉन्चिंग के तत्काल बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इससे अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर नजर रखने के लिए अंतरिक्ष-आधारित निगरानी प्रणाली हासिल करने के किम के प्रयासों को झटका लगा था। दुनिया भर के कई देशों ने इस उपग्रह की लॉन्चिंग के लिए उत्तर कोरिया की आलोचना की थी।

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