सियोलः अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास के जवाब में बाद उत्तर कोरिया ने आज 2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करके खलबली मचा दी है। ऐसा नहीं है कि किम जोंग ने इस तरह का जवाब पहली बार दिया है। इससे पहले भी उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग इन तीनों देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास का जवाब इसी तर्ज पर मिसाइल परीक्षणों से देते रहे हैं। दक्षिण कोरिया की सेना ने इस बार उत्तर कोरिया की ओर से 2 बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट किए जाने की जानकारी दी है। इससे एक दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के हालिया संयुक्त सैन्य अभ्यास के जवाब में ‘‘आक्रामक और जबरदस्त’’ प्रतिक्रिया देने का संकल्प लिया था।
दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि दोनों मिसाइल दक्षिण-पूर्वी उत्तर कोरिया के जांग्योन शहर से उत्तर-पूर्वी दिशा में 10 मिनट के अंतराल पर प्रक्षेपित की गईं। उसने बताया कि पहली मिसाइल ने 600 किलोमीटर (370 मील) और दूसरी मिसाइल ने 120 किलोमीटर (75 मील) की दूरी तय की, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि ये मिसाइल कहां गिरीं। उत्तर कोरिया आमतौर पर अपने पूर्वी जलक्षेत्र की ओर मिसाइल का परीक्षण करता है, लेकिन दूसरी मिसाइल द्वारा तय की गई दूरी इस जलक्षेत्र तक पहुंचने के लिए काफी नहीं थी। दक्षिण कोरियाई मीडिया ने एक अज्ञात दक्षिण कोरियाई सैन्य सूत्र के हवाले से बताया कि इस बात की संभावना है कि दूसरी मिसाइल उत्तर कोरिया के अंदरूनी इलाके में गिरी हो।
दक्षिण कोरिया ने कहा-किम जोंग कर रहे उकसावे वाली कार्रवाई
उत्तर कोरिया की जमीन पर संभावित नुकसान की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। खबरों में बताया गया कि पहली मिसाइल उत्तर कोरिया के पूर्वी शहर चोंगजिन के पास जलक्षेत्र में गिरी। दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ ने इन मीडिया रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया द्वारा की गई उकसावे वाली हर प्रकार की कार्रवाई का अमेरिकी सेना के साथ मिलकर जवाब देने के लिए दृढ़ता से तत्पर है। यह प्रक्षेपण ऐसे समय किया गया है जब दो दिन पहले दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान का क्षेत्र में बहुक्षेत्रीय त्रिपक्षीय अभ्यास ‘फ्रीडम एज’ समाप्त हुआ था।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर इस अभ्यास की कड़ी निंदा की थी और अमेरिका, दक्षिण कोरिया एवं जापान की इस साझेदारी को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का एशियाई संस्करण बताया था। बयान में कहा गया था कि उत्तर कोरिया ‘‘आक्रामक और जबरदस्त जवाबी कार्रवाई करके देश की संप्रभुता, सुरक्षा और हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा। (एपी)
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