North Korea Missile Tests: चीन-ताइवान के बीच तनाव और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे मुद्दों बीते काफी समय से खबरों में छाए हुए हैं। लेकिन इनके साथ ही वो देश भी खूब चर्चा में रहा है, जिसकी फिलहाल किसी से कोई लड़ाई नहीं चल रही। हम यहां उत्तर कोरिया की बात कर रहे हैं। जिसने अपने हथियारों के परीक्षण से तमाम देशों को डराया हुआ है। ऐसा पांच साल में पहली बार है, जब उत्तर कोरिया की वजह से कोरिया प्रायद्वीप पर इतना तनाव बढ़ा हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, अब आने वाले दिनों में स्थिति और भी ज्यादा खराब होने वाली है।
उत्तर कोरिया के हथियार परीक्षणों की वजह से उसके पड़ोसी देश के नागरिकों को भी खुद की जान बचाने के लिए शेल्टर लेने की जरूरत पड़ रही है। बीते महीने उत्तर कोरिया ने जो मिसाइल लॉन्च की थी, वो जापान के ऊपर से होकर निकली थी। इसकी वजह से वहां के नागरिक काफी डर गए और उन्हें शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा था। उत्तर कोरिया का ये कदम काफी उकसाने वाला था। इसके बाद कई बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की गईं। कोई नहीं जानता कि तानाशाह किम जोंग उन आखिर चाहते क्या हैं।
दक्षिण कोरिया को करनी पड़ी फायरिंग
उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया में फाइटर जेट भेजे और साथ ही समुद्र में हजारों बम दागे गए। ये सभी बम मिलिट्री बफर जोन में गिरे थे। यह वही बफर जोन है जो साल 2018 में बनाया गया था। सोमवार को उत्तर कोरिया का एक व्यापारी जहाज दोनों देशों की समुद्री सीमा के बीच पहुंच गया। इस वजह से दक्षिण कोरिया ने चेतावनी देने के लिए फायरिंग की थी। दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया ने जानबूझकर ऐसा किया है। तकनीकी रूप से दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति है।
हथियार लॉन्च करने के पीछे छिपे 3 कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर कोरिया केवल तीन कारणों से मिलाइल लॉन्च कर रहा है। उसका मकसद अपने हथियारों की तकनीक में सुधार करना है। वो दुनिया को राजनीतिक संदेश देना चाहता है, खासतौर से अमेरिका को। इसके अलावा वह ऐसा करके अपने लोगों को खुश करना चाहता है और उनके प्रति अपनी वफादारी साबित करना चाहता है। इस देश के मीडिया का कहना है कि ये परीक्षण अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास के जवाब में किए गए हैं। उत्तर कोरिया ने तनाव बढ़ने के लिए अपने दुश्मनों पर इल्जाम लगाया है। इसके साथ ही उसने उन्हें चेतावनी दी है कि वह तुरंत रुक जाना चाहिए।
पीछे नहीं हटने वाले अमेरिका और जापान
बीते दो महीने में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की सेनाओं ने बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास किया है। इस अभ्यास का मकसद ये दिखाना है कि ये देश उत्तर कोरिया की तरफ से होने वाले परमाणु हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने इसी मकसद से परमाणु हथियार तैयार किए हैं, ताकि वह अपने दुश्मन के किसी भी तरह के हमले का जवाब दे सके।
पांच साल के लिए योजना तैयार की
बीते साल यहां एक योजना तैयार की गई थी कि अगले पांच साल में परमाणु हथियारों को कैसे विकसित करना है। हालिया परीक्षण इस बात का सबूत हैं कि किम जोंग उन इस योजना को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने स्वीकार किया है कि वह सैन्य अभ्यास करना जारी रखेंगे। इससे उत्तर कोरिया का नाराज होना और इन देशों से नफरत बढ़ना लाजमी है।