सियोल: दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने उसके पूर्वी समुद्री तट की ओर छोटी दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में बताया कि दक्षिण कोरियाई सेना को शुक्रवार को तड़के चार बज कर करीब 32 मिनट पर उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से मिसाइल प्रक्षेपण किए जाने के बारे में पता लगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सेना ने निगरानी बढ़ा दी है और अमेरिका के साथ करीबी समन्वय में चाकचौबंद तैयारियां की गई हैं।
उत्तर कोरिया द्वारा यह प्रक्षेपण अमेरिका द्वारा दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के तहत कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु क्षमता से लैस बमवर्षक विमान और अत्याधुनिक लड़ाकू जेट उड़ाए जाने के तीन दिन बाद किया गया है। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह सैन्य अभ्यास परमाणु हथियारों सहित सभी उपलब्ध सैन्य क्षमताओं के साथ अपने एशियाई सहयोगी की रक्षा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने से जुड़े एक द्विपक्षीय समझौते का हिस्सा था। उत्तर कोरियाई अधिकारी अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा इस तरह के सैन्य अभ्यास को आक्रमण के पूर्वाभ्यास के रूप में देखते हैं।
जापान के खिलाफ सख्त और निर्णायक सैन्य कार्रवाई-उतर कोरिया
इससे पहले उत्तर कोरिया ने जापान के खिलाफ ‘‘सख्त और निर्णायक सैन्य कार्रवाई’’ करने की धमकी दी थी। साथ ही उसने आक्रामक सैन्य शक्ति में बदलने के प्रयास के रूप में जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति अपनाने की भी आलोचना की थी। उत्तर कोरिया का यह बयान जापान द्वारा सुरक्षा रणनीति की घोषणा के चार दिन बाद आया है। जापान ने घोषणा में चीन और उत्तर कोरिया की ओर से पेश खतरों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के लिए ‘जवाबी हमला’ करने की क्षमता को बढ़ाने और अपने सैन्य खर्च को दोगुना करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया था।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जवाबी हमले की क्षमता हासिल करने के लिए जापान के प्रयास का आत्मरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन यह ‘अन्य देशों के इलाकों पर हमले की एहतियाती क्षमता’ हासिल करने का स्पष्ट प्रयास है। सरकारी मीडिया में मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से दिए बयान में कहा गया, ‘‘जापान का अपनी गलत मंशाओं को पूरा करने का मूर्खतापूर्ण प्रयास, आत्मरक्षा के अधिकारों की आड़ में सैन्य आक्रमण की क्षमता को उचित नहीं ठहराया जा सकता और न ही इसे बर्दाश्त किया जा सकता है।’’
इनपुट-भाषा