सियोल: नॉर्थ कोरिया ने शनिवार तड़के अपने पश्चिमी समुद्र की ओर कई क्रूज मिसाइलें दागीं। साउथ कोरिया की सेना ने दावा किया कि सुबह 4 बजे के आसपास इन मिसाइलों को दागा गया है। यह उत्तर कोरिया द्वारा इस हफ्ते किया गया दूसरा मिसाइल प्रक्षेपण है। इसे साउथ कोरिया में परमाणु हथियारों से लैस अमेरिकी पनडुब्बी की तैनाती के खिलाफ उठाया गया कदम बताया जा रहा है। मिसाइल प्रक्षेपण के बीच नॉर्थ कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में दक्षिण कोरिया से सीमा पार कर देश में घुसने वाले 23 साल के अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग पर लगातार पांचवें दिन भी चुप्पी बनाए रखी।
जेल से रिहा हुआ था अमेरिकी सैनिक
किंग ने पिछले साल अक्टूबर में सियोल में एक अज्ञात व्यक्ति पर हमला करने और पुलिस की एक गाड़ी को नुकसान पहुंचाने के मामले में दक्षिण कोरियाई जेल में लगभग 2 महीने की सजा काट ली थी। किंग को 10 जुलाई को रिहा कर दिया गया था और उसे सोमवार को टेक्सास के फोर्ट ब्लिस में अपने घर जाना था, जहां उसे अतिरिक्त सैन्य कार्रवाई और सेवा से बर्खास्तगी का सामना करना पड़ सकता था। हालांकि, किंग टेक्सास जाने के बजाय टूरिस्टों के एक ग्रुप के साथ मंगलवार की सुबह साउथ और नॉर्थ कोरिया को बांटने वाले असैन्यीकृत क्षेत्र की यात्रा पर निकला तथा किम जोंग उन के देश की सीमा में घुस गया।
बुधवार को भी दागी गई थीं 2 मिसाइलें
साउथ कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने शनिवार को कहा कि नॉर्थ कोरिया ने तड़के 4 बजे के आसपास मिसाइलों को लॉन्च करना शुरू किया, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि पड़ोसी देश ने कितनी मिसाइलें दागीं और इन मिसाइलों ने कितनी दूरी तक उड़ान भरी। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाएं उत्तर कोरियाई मिसाइल प्रक्षेपण का विश्लेषण कर रही हैं। उत्तर कोरिया ने बुधवार को अपनी राजधानी प्योंगयांग के पास स्थित एक क्षेत्र से छोटी दूरी की 2 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं।
मिसाइलों ने तय की थी 550 किमी की दूरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में समुद्र में गिरने से पहले इन मिसाइलों ने लगभग 550 किलोमीटर की दूरी तय की थी। यह दूरी प्योंगयांग और दक्षिण कोरिया के बंदरगाह शहर बुसान के बीच मौजूद फासले के बराबर है। बता दें कि बुसान में ही अमेरिका ने पिछले हफ्ते परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी यूएसएस केंटकी तैनात की है। यह 1980 के दशक के बाद दक्षिण कोरिया में परमाणु हथियारों से लैस किसी अमेरिकी पनडुब्बी की पहली तैनाती है।