Thursday, December 26, 2024
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उत्तर कोरिया में लोगों के हंसने, शराब पीने और शॉपिंग पर 11 दिन का बैन, जानें क्यों

रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवधि के दौरान यदि किसी के परिवार में कोई मौत हो जाती है तो उसे जोर-जोर से रोने की इजाजत नहीं होगी।

Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated : December 17, 2021 20:53 IST
North Korea Bans Laughing, North Korea Bans Drinking, North Korea Bans Shopping
Image Source : AP उत्तर कोरिया ने किम जोंग उन के प्रति लोगों से अधिक से अधिक वफादारी दिखाने का आह्वान किया।

Highlights

  • उत्तर कोरिया में नागरिकों के हंसने, शराब पीने और शॉपिंग करने पर 11 दिनों का बैन लगाया गया है।
  • यदि कोई इन 11 दिनों के दौरान इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
  • किम जोंग उन देश को महामारी से संबंधित कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सियोल: उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को अपने पूर्व नेता किम जोंग इल की 10वीं पुण्यतिथि पर उनके बेटे एवं वर्तमान नेता किम जोंग उन के प्रति लोगों से अधिक से अधिक वफादारी दिखाने का आह्वान किया। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गम के इस माहौल में उत्तर कोरिया के नागरिकों के हंसने, शराब पीने और शॉपिंग करने पर 11 दिनों का बैन लगाया गया है। यदि कोई इन 11 दिनों के दौरान इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दोबारा नजर नहीं आए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले

रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवधि के दौरान यदि किसी के परिवार में कोई मौत हो जाती है तो उसे जोर-जोर से रोने की इजाजत नहीं होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, वे शव को शोक की अवधि खत्म होने के बाद ही ले जा सकते हैं। बताया जाता है कि इससे पहले भी शोक की अवधि के दौरान इस तरह के प्रतिबंध लागू होते थे, और जिन्होंने भी इन प्रतिबंधों का उल्लंघन किया, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लोगों का कहना है कि इसके बाद वे लोग कभी दोबारा नजर नहीं आए।

किम जोंग उन के पास है पिता और दादा जैसी शक्तियां
किम जोंग उन देश को महामारी से संबंधित कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपने पिता की मृत्यु के बाद से उत्तर कोरिया के शीर्ष पद पर अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में 37 वर्षीय किम जोंग उन को किम जोंग इल और किम इल सुंग की तरह ही पूर्ण शक्ति हासिल है। कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए कठोर उपायों और अमेरिका से टकराव के कारण खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बावजूद उत्तर कोरिया में राजनीतिक अस्थिरता नहीं दिखी है और कुछ विश्लेषक सत्ता पर किम की पकड़ को लेकर सवाल भी करते हैं।

उत्तर कोरिया के लोगों ने किम जोंग इल के सम्मान में सिर झुकाया
विश्लेषकों का कहना है कि किम जोंग उन के शासन की दीर्घकालिक स्थिरता पर तब भी सवाल उठाया जा सकता है अगर वह मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने और लोगों के जीवन में सुधार करने के लिए कदम उठाने में विफल रहते हैं। शुक्रवार की दोपहर में 3 मिनट के लिए सायरन बजने पर उत्तर कोरिया के लोगों ने मौन रखा और किम जोंग इल के सम्मान में सिर झुकाया। कारों, ट्रेनों और जहाजों ने अपने हॉर्न बजायक, राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया।

किम जोंग उन की किसी भी सार्वजनिक गतिविधि पर खबर नहीं
किम जोंग इल और किम इल सुंग की विशाल मूर्तियों के सामने फूल चढ़ाने और नमन करने के लिए लोग प्योंगयांग के मानसू पर्वत पर गए। हर बार पुण्यतिथि पर किम जोंग उन एक मकबरे पर जाते हैं जहां किम जोंग इल और किम इल सुंग की कब्र है। इससे पहले किम जोंग उन ने पहली और पांचवीं पुण्यतिथि के दौरान अपने पिता का सम्मान में राष्ट्रीय बैठकें भी बुलाई थी। उनसे इस साल भी ऐसा ही करने की उम्मीद थी लेकिन उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने शुक्रवार दोपहर तक किम जोंग उन की किसी भी सार्वजनिक गतिविधि पर खबर नहीं दी।

अखबारों ने किम जोंग इल का सम्मान करते हुए लेख प्रकाशित किए
उत्तर कोरिया के ‘रोडोंग सिनमुन’ अखबार ने एक संपादकीय में कहा, ‘हमें आदरणीय कॉमरेड किम जोंग उन के पीछे एकजुट होकर एकता को मजबूत करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।’ सरकार के नियंत्रण वाले अखबारों ने किम जोंग इल का सम्मान करते हुए लेख प्रकाशित किए और किम जोंग उन के प्रति ज्यादा एकजुटता दिखाने का आह्वान किया, जबकि सरकारी टीवी पर दिवंगत नेता से संबंधित प्रचार गीत और वृत्तचित्र फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

देश का अनाज उत्पादन भी अपने सबसे निचले स्तर पर
इस वर्ष की पुण्यतिथि के समय किम जोंग उन कोरोना वायरस महामारी, संयुक्त राष्ट्र के लगातार प्रतिबंधों और कुप्रबंधन के कारण अपने शासन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। दक्षिण कोरियाई सरकार के अनुमानों के अनुसार, पिछले साल, उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को 1997 के बाद से सबसे बड़ी मंदी का सामना करना पड़ा, वहीं किम के पदभार संभालने के बाद से देश का अनाज उत्पादन भी अपने सबसे निचले स्तर पर है।

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