यरुशलम: सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा है कि फिलीस्तीन देश की स्थापना का रास्ता साफ होने तक वह इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य नहीं करेगा या गाजा को एक बार फिर से खड़ा करने में योगदान नहीं देगा। प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने रविवार देर रात प्रसारित CNN को दिए एक इंटरव्यू में यह बयान दिया। यह सऊदी अधिकारियों द्वारा दिए गए अब तक के सबसे बेबाक बयानों में से एक है। फरहान का यह बयान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ रिश्तों में खटास ला सकता है जिन्होंने फिलीस्तीन देश को मान्यता देने की संभावना को खारिज कर दिया है।
नेतन्याहू के रुख से खड़ी हो रहीं मुश्किलें
बेंजामिन नेतन्याहू ने इसके साथ ही गाजा पर खुले सैन्य नियंत्रण की योजना की रूपरेखा भी पेश की है। गाजा के भविष्य पर विवाद अमेरिका और उसके अरब सहयोगियों को इजरायल के सामने खड़ा कर रहा है। नेतन्याहू का मौजूदा रुख गाजा में जंग के बाद के शासन या पुनर्निर्माण की किसी भी योजना में एक बड़ी बाधा पैदा कर सकता है। फरहान ने ऐसे समय में बयान दिया है जब जंग अभी भी जारी है और फिलहाल इसका कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर अचानक हमला कर करीब 1200 लोगों को मार डाला था, इनमें से अधिकतर आम नागरिक थे।
जंग में मारे जा चुके हैं हजारों फिलीस्तीनी
इजरायल अपने नागरिकों पर हुए हमले के बाद से ही गाजा पर लगातार बम बरसा रहा है जिसमें हजारों फिलीस्तीनियों की मौत हुई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल और हमास के बीच 3 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध में 25,000 से ज्यादा फिलीस्तीनी मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इजराइल-हमास युद्ध में महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक पीड़ित हैं। इस बीच गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों के परिवारों के सदस्य सोमवार को इजराइल की संसद में वित्त समिति की बैठक के दौरान प्रवेश कर गए। गुस्साए परिजनों ने कहा, ‘आप (सांसद) यहां बैठक नहीं कर सकते, जब वे (बंधक) वहां मर रहे हैं।’ (भाषा)