इस्लामाबाद: पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी एफआईए ने अपने इमिग्रेशन ऑफिसर्स को सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर सतर्क रहने को कहा है। साथ ही, यह निर्देश भी दिया है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के शासन का कोई भी सरकारी अधिकारी अनापत्ति प्रमाणपत्र (No objection certificate) के बगैर देश नहीं छोड़ने पाए। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गयी। समाचार पत्र 'डॉन' की खबर के मुताबिक एफआईए ने यह कदम संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उठाया है।
खबर में कहा गया है कि एफआईए के इमिग्रेशन ऑफिसर्स को देश के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर सतर्क रहने को कहा गया है और उन सभी सरकारी अधिकारियों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं, जो अनापत्ति प्रमाणपत्र के बगैर देश छोड़ने की फिराक में हों। खबर के मुताबिक, हवाईअड्डा सुरक्षा बल को भी उच्च अलर्ट पर रखा गया है। इसमें कहा गया है कि विदेश यात्रा करने वाले यात्रियों की जांच बढ़ा दी गई है। एफआईए और हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सतर्क रहने और किसी भी सरकारी अधिकारी को अनापत्ति प्रमाणपत्र के बगैर देश छोड़ने की अनुमति नहीं देने के निर्देश मिले हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें ये निर्देश किसने दिए।
गौरतलब है कि खान की पत्नी बुशरा बीबी की करीबी मित्र फराह खान ने इन खबरों के बीच पिछले सप्ताह देश छोड़ दिया था कि अगर नयी सरकार आती है तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। विपक्ष ने फराह खान पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी की शह पर भ्र्ष्टाचार करने का आरोप लगाया है। इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए जाने वाले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं। संयुक्त विपक्ष ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) अध्यक्ष शहबाज शरीफ को पहले ही अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इनपुट-भाषा