"तारीख पर तारीख...तारीख पर तारीख"... ये वाला डायलॉग तो आपने सुना भी होगा और अदालतों में इसे झेलते लोगों को देखा भी होगा। मगर अब "तारीख पर तारीख" की जगह हम आपको एक ऐसी घटना बताने जा रहे हैं, जहां इसकी बजाय "मुकदमे पर मुकदमा" है। किसी एक शख्स पर लगातार दर्ज होते जा रहे मुकदमों की फेहरिस्त अब इतनी लंबी हो चुकी है कि जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की...जिन पर एक नहीं...2 नहीं और 4 व 6 भी नहीं, बल्कि पूरे 121 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं...वह भी सिर्फ एक साल के अंदर। इन मुकदमों की धाराओं के बारे में जानकर आपका दिमाग भी घनचक्कर बन जाएगा। ...तो आइए हम आपको बताते हैं कि "मुकदमे पर मुकदमा" का माजरा ये आखिर है क्या, जो लगातार चलता ही जा रहा है...?
बता दें कि इमरान खान को अप्रैल 2022 में सत्ता से हटा दिया गया था। इसके बाद शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनाए गए। तब से लेकर आज तक पाकिस्तान की सरकार और इमरान खान में नूरा-कुश्ती का खेल चलता आ रहा है। कभी इमरान खान सरकार पर भारी पड़ते नजर आते हैं तो कभी सरकार इमरान खान के चारों खाने चित्त कर देती है। भ्रष्टाचार के मामले में नाटकीय ढंग से हुई इमरान खान की गिरफ्तारी उसके बाद सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देश पर मिली जमानत का मामला पीएम शहबाज की सरकार और इमरान के बीच तेज हो चली नूरा-कुश्ती का जीता जागता उदाहरण है। जब इमरान खान रैलियों और विरोध प्रदर्शनों से सरकार पर हावी होने की कोशिश करते हैं तो उन पर एक नया मुकदमा दर्ज हो जाता है।
इमरान खान पर अब तक दर्ज हुए 121 मुकदमे
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर अब तक 121 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें भ्रष्टाचार से लेकर, हत्या, देशद्रोह, आतंकवाद, लूट, हिंसा भड़काना और ईशनिंदा समेत अन्य जघन्यतम अपराध शामिल हैं। इन मुकदमों के महाजाल में इमरान खान ऐसे फंस चुके हैं कि जहां से निकल पाना उनके लिए कतई आसान नहीं है। इसीलिए वह पाकिस्तान में जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर पीएम शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। बीते वर्ष उन्हें एक रैली के दौरान पैर में गोली भी मारी जा चुकी है, जिसके लिए उन्होंने पीएम शहबाज शरीफ समेत पाक के गृहमंत्री सना उल्लाह व सेना के कुछ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था। इस दौरान पाकिस्तान के न तो आर्थिक हालात स्थिर हैं और न ही राजनीतिक। कह सकते हैं कि तेजी से पाकिस्तान गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है। इमरान खान पर करीब 1 वर्ष में दर्ज हुए 121 मुकदमों में 28 केस आतंकवाद से भी जुड़े हैं। यानि प्रधानमंत्री पर आतंकी घटनाएं कराने का भी गंभीर आरोप है। इनमें से आतंकवाद के 12 मामले लाहौर और 14 केस फैसलाबाद में दर्ज हैं।
हत्या, लूट और आतंक का नया मुकदमा
पाकिस्तान के पूर्व पीएम पर हत्या, लूट, मुकदमा, तोड़फोड़, आतंक व आगजनी से जुड़ा नया मुकदमा उनकी गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया है। इनमें पीटीआइ के 1500 से अधिक कार्यकर्ताओं पर भी एफआइआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इमरान खान ने ही अपने कार्यकर्ताओं को लोगों की हत्या करने, तोड़फोड़, लूट और आगजनी के लिए भड़काया है। फिलहाल बीते शुक्रवार को उन्हें कई मामलों में जमानत मिल गई है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) की तीन अलग-अलग पीठ ने तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) पार्टी के प्रमुख को राहत दी। जमानत मिलने के बाद भी खान परिसर के भीतर ही रहे, क्योंकि अदालत परिसर से उनकी निकासी को लेकर उनकी और उनकी कानूनी टीम के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही थी। इमरान खान को फिर नए मामले में अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा था।