ढाका: महीनों से खूनी हिंसा और दंगे की मार झेल रहे बांग्लादेश पर अब एक और नई बड़ी आफत आ गिरी है। बांग्लादेश में भीषण बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा दी है। चारों तरफ जल का सैलाब उमड़ने से बाढ़ में बहकर 15 लोगों की मौत हो गई है। जबकि लाखों लोग प्रभावित हैं। बता दें कि मानसून की भारी बारिश से बांग्लादेश के डेल्टाई इलाकों और भारत के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है। इस कारण बांग्लादेश में कम से कम 15 लोगों की मौत के साथ 40 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
यह बांग्लादेश में राजनीतिक परिवर्तन के बाद नवगठित अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती है। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, खासकर पूर्वोत्तर, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश में। इस कारण कई शहरों और कस्बों के अलावा सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं। इससे बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है और संचार लाइन बाधित हो गई हैं। सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संबाद संस्था’ (बीएसएस) की खबर के मुताबिक, आपदा प्रबंधन मंत्रालय में सचिव कमर-उल-हसन ने कहा, “ बांग्लादेश में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है और 11 जिलों के 48 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।”
लोगों की मदद को तैनात हुई सेना
हसन ने संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना, नौसेना, तट रक्षक, बॉडर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), अग्निशमन कर्मी, पुलिस और छात्रों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के मुताबिक, इन क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर 60 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। कॉक्स बाजार में 151 मिमी और गोपालगंज में 62 मिमी तक वर्षा दर्ज की गई। मौसम विज्ञान विभाग ने बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मानसून के कारण अगले तीन दिन में देश के विभिन्न क्षेत्रों में भारी वर्षा की आशंका जताई है। बांग्लादेश में 200 से ज़्यादा नदियां बहती हैं, जिनमें से 54 नदियां भारत से होकर गुज़रती हैं। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण बाढ़ की मौजूदा स्थिति बनी है।
मूसलाधार बारिश से उमड़ीं नदियां
मौसम विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि मूसलाधार बारिश के अलावा, उफनती नदियां, अल नीनो और जलवायु परिवर्तन की घटनाएं देश में व्यापक बाढ़ के लिए जिम्मेदार कारक हैं। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम ढाका स्थित अपने नियंत्रण कक्ष से बाढ़ की स्थिति और राहत गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।” स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, स्थिति विचित्र हो गई थी, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद स्थानीय सरकार के प्रतिनिधि या तो उपलब्ध नहीं थे या अपनी राजनीतिक संबद्धता के कारण भाग गए है।
बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शनों के बाद हसीना ने पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था और भारत चली गई थीं। इसके बाद 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाला। इससे पहले बृहस्पतिवार को यूनुस ने अपनी सलाहकार परिषद (कैबिनेट के समकक्ष) की बैठक की अध्यक्षता की और सदस्यों से बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ खड़े होने को कहा। (भाषा)