बीजिंग: भारत और चीन एक बार फिर अपने संबंधों को बहाल करने के लिए द्विपक्षीय वार्ताओं का दौर शुरू कर चुके हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को बीजिंग में दोनों देशों के संबंधों को फिर पटरी पर लाने के लिए सीमा के मुद्दों समेत अन्य बिंदुओं पर वार्ता के लिए मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने तथा पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार वर्ष से अधिक समय से तल्ख रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डोभाल पांच साल के अंतराल के बाद हो रही विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की वार्ता में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे। पिछली बैठक 2019 में दिल्ली में हुई थी। वार्ता चीन के समयानुसार सुबह 10 बजे प्रारंभ हुई। इस दौरान पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर दोनों देशों के बीच 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद सुधरने लगे संबंध
चीन ने इस महत्वपूर्ण वार्ता से पहले मंगलवार को कहा कि वह 24 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर रूस के कजान में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक के दौरान बनी आम सहमति के आधार पर प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए तैयार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चीन मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है। (भाषा)