Nepal on India and China: नेपाल के विदेश मंत्री ने अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों की बात कही है। लेकिन पड़ोसी देश भारत के साथ अच्छे संबंधों की बात करते करते चीन को भी बीच में ले आए। उन्होंने भारत के बराबर चीन को रखते हुए कह दिया कि नेपाल को भारत और चीन, दोनों के साथ मजबूत संबंध बनाने की आवश्यकता है। कभी भारत को सर्वोपरि मानने वाला नेपाल अब चीन का जिक्र भी जोरशोर से करने लगा है। चीन से अच्छे संबंधों की बात करना ठीक है, लेकिन अपने वक्तव्य में चीन को भी भारत की तरह पारंपरिक मित्र बताया। जबकि भारत और नेपाल के संबंध बेहद प्राचीन हैं।
नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने भारत और चीन के साथ अपने देश के संबंधों को और मजबूत बनाने की जरूरत को बताते हुए सोमवार को कहा कि पड़ोसियों से संबंधों की तुलना किसी और से नहीं की जानी चाहिए। सऊद ने प्रतिनिधि सभा की अंतरराष्ट्रीय संबंध समिति में कहा, 'हमारे दोनों पड़ोसी उभरती हुई आर्थिक शक्तियां हैं और उनका प्रभाव बढ़ रहा है।'
भारत के साथ ही चीन से भी पारंपरिक दोस्ती है हमारी: नेपाली विदेश मंत्री
नेपाली विदेश मंत्री ने कहा कि 'नेपाल की दोनों पड़ोसियों के साथ पारंपरिक मित्रता है, जिसे और मजबूत बनाने की जरूरत है।' सऊद के कार्यालय के अनुसार, उन्होंने कहा कि पड़ोसियों से आपके संबंधों की तुलना किसी और से नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 'जहां तक पड़ोसी देशों के साथ नेपाल के संबंधों का सवाल है, हमें मनोवैज्ञानिक दबाव महसूस नहीं करना चाहिए और अपनी चिंताओं को पारदर्शी तरीके से प्रकट करने की जरूरत है।'
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर कही ये बात
उन्होंने कहा कि भारत के साथ नेपाल के संबंध ऐतिहासिक और विशेष हैं। मंत्री ने कहा, "हमारी खुली सीमा, व्यापार और आवाजाही की सुविधाओं के कारण, दक्षिणी पड़ोसी (भारत) के साथ हमारे संबंध महत्वपूर्ण हैं।" सऊद ने कहा कि नेपाल ‘एक चीन’ नीति को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि नेपाल को अपने क्षेत्र का इस्तेमाल अपने पड़ोसियों के खिलाफ नहीं करने देना चाहिए। नेपाल और चीन के बीच हस्ताक्षर किये गये बेल्ट एंड रोड इनिश्एटिव (बीआरआई) समझौते पर मंत्री ने कहा कि इसे अभी लागू नहीं किया गया है और इसके कार्यान्यवन के लिए चर्चा जारी है। नेपाल में बुनियादी ढांचे की कई परियोजनाओं में चीन निवेश करता रहा है।