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भारत के आगे झुका काठमांडू, 100 रुपये के नोट पर भारतीय क्षेत्रों को अपना दर्शाने वाले नेपाली राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार को देना पड़ा इस्तीफा

नेपाल ने ओली नीत सरकार के तहत पहली बार लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को अपने भू-भाग में दर्शाते हुए एक नया राजनीतिक नक्शा मई 2000 में जारी किया था। उसके बाद, सरकार ने भारत की आपत्ति के बावजूद, सभी आधिकारिक दस्तावेजों में पुराने नक्शे को बदल दिया।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : May 13, 2024 16:50 IST, Updated : May 13, 2024 16:59 IST
प्रतीकात्मक।
Image Source : FILE प्रतीकात्मक।

काठमांडूः भारतीय क्षेत्रों को नेपाली रुपये के नोट पर अपना दर्शाने वाले नेपाल के रष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के आर्थिक सलाहकार को आखिरकार भारतीय दबाव में इस्तीफा देना पड़ा है। नेपाली राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार चिरंजीवी ने भारत के तीन क्षेत्रों को 100 रुपये के नये नोट जारी करके नेपाल का होने का दावा किया था। इस पर भारत सरकार ने नेपाल के सामने बेहद कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। इसके बाद अब नेपाली राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार ने इस गलती की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि नोट छापने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में विवादास्पद बयान भी दिया था।

नेपाली राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति ने चिरंजीवी नेपाल के इस्तीफे को रविवार को मंजूरी कर लिया। चिरंजीवी ने सोमवार को  कहा, ‘‘मैंने एक अर्थशास्त्री और केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर के नाते टिप्पणियां की थीं, लेकिन कुछ मीडिया संस्थानों ने राष्ट्रपति पद की सम्मानित संस्था को विवाद में शामिल करने की कोशिश करते हुए मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।’’ नये नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे क्षेत्र शामिल किये गए हैं। हालांकि, भारत का यह कहना रहा है कि ये तीनों क्षेत्र उसका हिस्सा हैं।

नेपाली राष्ट्रपति के सलाहकार ने दी ये सफाई

चिरंजीवी ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने, उन कुछ ऑनलाइन समाचार पोर्टल द्वारा की गई कोशिश का नैतिक दायित्व लेते हुए इस्तीफा दिया है, जिन्होंने मेरे बयान के आधार पर राष्ट्रपति को विवाद में शामिल करने का प्रयास किया।’’ उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘बयान में मेरा इरादा एक सजग नागरिक के रूप में लोगों को इस बात से अवगत कराना था कि इस तरह का कृत्य देश एवं लोगों के लिए ऐसे वक्त में व्यावहारिक समस्याएं पैदा कर सकता है, जब (नक्शे के मुद्दे पर) राजनयिक स्तर पर बातचीत की जा रही है।’’ पिछले हफ्ते, मंत्रिमंडल की एक बैठक में, 100 रुपये के नये नोट की छपाई में पुराने नक्शे की जगह नये नक्शे का इस्तेमाल करने का निर्णय किया गया था।

चिरंजीवी के बयान की पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने भी की थी आलोचना

सीपीएन-यूएमल के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने चिरंजीवी नेपाल की टिप्पणियों को लेकर उनकी सार्वजनिक आलोचना की थी। इससे पहले, नागरिक समाज संस्थाओं के नेताओं के एक समूह ने संशोधित संविधान के अनुसार नेपाल के नक्शे के साथ 100 रुपये के नये नोट छापने के सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर चिरंजीवी को हटाने की मांग की थी। उन्होंने दलील दी कि उन्होंने (चिरंजीवी ने) विषय पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय हित के खिलाफ बयान दिया।  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नये नोट जारी करने के नेपाल सरकार के फैसले पर पिछले हफ्ते असहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि इससे जमीन पर स्थिति नहीं बदलने जा रही। नेपाल भारत के पांच राज्यों--सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है। (भाषा) 

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