Nepal on China: नेपाल दोनों हाथों में लड्डू चाहता है यानी चीन और भारत दोनों को साधकर रखना चाहता है।इसलिए जून में भारत यात्रा पर आने से पहले नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड‘ ने चीन की तारीफ कर दी है। नेपाल के पीएम प्रचंड ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में नेपाल में प्रगति के लिए चीन ने काफभ् सहायता की है। इस सहायता के लिए नेपाल के पीएम प्रचंड ने चीन की सराहना की है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड‘ ने शनिवार को देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के उन्नयन में सहायता और सहयोग के लिए चीन की सराहना की है। काठमांडू के न्यू बानेश्वर में चीन की सहायता से बने सिविल सेवा अस्पताल रिनोवेशन का काम पूरा होने के बाद एक समारोह को नेपाल के पीएम प्रचंड ने संबोधित किया।
नेपाल की स्वास्थ्य सेवाओं में चीन की मदद का शुक्रिया, बोले प्रचंड
अपने संबोधन में प्रचंड ने उम्मीद जताई कि इस उन्नत बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के साथ अस्पताल उन रोगियों को सुविधा मुहैया करने में सक्षम होगा, जिन्हें बेहतर इलाज एवं सेवाओं की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘मैं इस अस्पताल और उन्नयन और पुनर्निर्माण की इस विशेष परियोजना का समर्थन करने के लिए चीन की सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।‘
चीन और नेपाल के संबंधों की प्रचंड ने दी दुहाई
दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों की ओर इशारा करते हुए प्रचंड ने कहा, ‘नेपाल और चीन मैत्रीपूर्ण, सौहार्दपूर्ण और सहकारी संबंधों का एक लंबा इतिहास संजोए हुए हैं। नेपाल और चीन के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का इतिहास बहुत पुराना है।‘ उन्होंने भरतपुर में कैंसर अस्पताल के निर्माण में चीन के सहयोग का भी उल्लेख किया।
नेपाल और भारत के संबंध पारंपरिक, पर चीन से बिगाड़ नहीं करना चाहता है नेपाल
दरअसल, प्रचंड भारत से भी अपने रिश्ते नहीं बिगाड़ सकते हैं। क्योंकि विदेश मामलों के कई विश्लेषकों के अनुसार नेपाल और भारत के बीच रोटी और बेटी का रिश्ता है। लेकिन चीन को भी नेपाल नाखुश नहीं रखना चाहता है। ऐसे में वह भारत के दुश्मन चीन की भी तारीफ किए बिना नहीं रहता है। भारत की यात्रा पर नेपाल के पीएम का आना चीन को नहीं रास आता है। ऐसे में भारत यात्रा पर तो प्रचंड आएंगे, लेकिन चीन की तारीफ करके उसे भी ‘साधने‘ का कोई भी मौका प्रचंड नहीं छोड़ना चाहते हैं।