काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने संसद में विश्वास मत पेश किए जाने से एक दिन पहले, बीजिंग की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव’ के तहत हिमालयी राष्ट्र को चीन के साथ रेल द्वारा जोड़ने के लिए एक समझौते को मंजूरी दी। सरकारी सूत्रों के हवाले से ‘मायरिपब्लिका’ समाचार पोर्टल ने कहा कि इस निर्णय का राजनीतिक महत्व से अधिक परिचालनात्मक महत्व है और यह चीन की अरबों डॉलर की आधारभूत परियोजना में नेपाल की भागीदारी के अनुरूप है।
'अंतिम रूप दिया जाना बाकी है'
खबर में संचार मंत्री और सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा के हवाले से कहा गया है, "बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट बैठक में नेपाल और चीन के बीच 'ट्रांस-हिमालय मल्टीडाइमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क’ के निर्माण में विकास सहयोग को मजबूत करने के समझौते को मंजूरी देने का फैसला किया गया।" हालांकि, एक मंत्री ने इसके तत्काल प्रभाव को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा, "यह एक प्रारंभिक निर्णय है; परियोजना क्रियान्वयन और बीआरआई के तौर-तरीकों के विवरण को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।"
विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए 'प्रचंड'
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए। पिछले सप्ताह उनकी सरकार से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस घटनाक्रम के बाद पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 69 वर्षीय प्रचंड को 63 वोट मिले, जबकि विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े। विश्वासमत हासिल करने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत थी। प्रतिनिधि सभा के 258 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहा। (भाषा)
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