Nepal Plane Crash: नेपाल में प्लेन क्रैश पर नेपाल अथॉरिटी के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है। नेपाल अथॉरिटी ने कहा है कि तकनीकी खराबी की वजह से प्लेन क्रैश हुआ था। प्लेन क्रैश की वजह मौसम की खराबी नहीं थी। पायलट ने एटीसी से लैंडिंग की परमिशन ले ली थी। जिसके जवाब में पोखरा ATC ने लैंडिंग के लिए ओके भी कह दिया था। लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले प्लेन में आग की लपटें उठने लगीं। इस विमान हादसे में अभी तक 42 लोगों के मरने की पुष्टी हो चुकी है।
तकनीकी खराबी की वजह से हुआ हादसा
नेपाल अथॉरिटी ने यति एयरलाइंस का AT-72 विमान हादसे को लेकर कहा है कि अगर खराब मौसम की वजह से प्लेन क्रैश हुआ होता तो रास्ते में ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाता, एयरपोर्ट के पास हादसा नहीं होता। नेपाल अथॉरिटी का दावा है कि तकनीकी खराबी की वजह से ही ये हादसा हुआ है। सिविल एविएशन ऑथरिटी का कहना है कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थीं इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना होने की बात नहीं कही जा सकती है।
लैन्डिंग से 10 सेकेंड पहले क्या हुआ
पोखरा एयरपोर्ट एटीसी क़े सोर्सेज के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त यति एयरलाइंस का विमान रनवे से महज 10 सेकेंड की दूरी पर था। ATC कर्मचारी के मुताबिक पोखरा का रनवे पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बना हुआ है। विमान के पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी थी और परमिशन मिल गई थी। लेकिन थोड़ी देर में पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और दुबारा परमिशन दे दी गई थी। लेकिन लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पोखरा अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल से आज दिनभर के लिए सभी उड़ानों को स्थगित कर दिया है।
दुर्घटनाग्रस्त विमान में थे 5 भारतीय नागरिक
हवाईअड्डा प्राधिकरण ने बताया कि नेपाल में पोखरा हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, 2 कोरियाई, 1 अर्जेंटीना और एक फ्रांसीसी नागरिक सवार थे। इस विमान में कुल 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे। इस प्लेन में 11 विदेशी यात्री सवार थे और 3 बच्चे भी सवार थे।