नई दिल्ली। भारत के लिए अक्सर जहर उगलने वाले नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने अब भारत को प्रगाढ़ मित्र बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत और नेपाल दोनों प्रगाढ़ मित्रों के बीच यदि कोई विवाद है तो उसे बातचीत से दूर किया जा सकता है। आपको बता दें कि ओली को भारत विरोधी बयानों के लिए जाना जाता है।
दरअसल यहां यात्रा पर आए भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा के साथ मंगलवार को ओली ने लंबी बैठक की और कहा कि नेपाल एवं भारत के बीच किसी भी तरह के मतभेद को बातचीत के जरिए दूर किया जा सकता है। सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष के एक करीबी सूत्र ने यह जानकारी दी। क्वात्रा ने मंगलवार को नेपाल के शीर्ष राजनीतिक हस्तियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। विदेशी मामलों को लेकर ओली के सलाहकार राजन भट्टाराई ने कहा, ‘‘ओली और क्वात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की।
भारत नेपाल का प्राचीन मित्र
राजन भट्टाराई ने कहा कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। ओली ने रेखांकित किया, "नेपाल-भारत संबंध प्राचीन और बहुआयामी हैं, जिन्हें राजनय की आधुनिक शर्तों से परिभाषित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ये संबंध अति प्राचीन काल से हैं।" भट्टाराई ने ओली के हवाले से कहा कि करीबी मित्रों के बीच कुछ मतभेद होना स्वाभाविक है और उनका मानना है कि किसी भी तरह के मतभेदों को बातचीत के शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री रहते भारत और नेपाल के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। सीमा पर भी तनाव की स्थिति पैदा होने लगी थी। ओली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थक हैं।
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