Nepal's former PM KP Oli working behest of China: नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के इशारे पर फिर से भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। सत्ता में रहने के दौरान भी ओली ने चीन के कहने पर भारत से रिश्ते खराब कर लिए थे। अब नेपाल में 20 नवंबर को चुनाव होना है। ऐसे में केपी ओली ने भारत के खिलाफ अपने देश के लोगों में नफरत का बीज बोने और दुष्प्रचार करने का खेल शुरू कर दिया है। केपी ओली ने दावा किया है कि हम सत्ता में आए तो नेपाल के उन हिस्सों को वापस लाएंगे जिसपर भारत अपना दावा करता है।
ओली के इस बयान से साफ है कि वह चीन के इशारे पर काम कर रहे हैं। ओली जब 2015-16 में नेपाल के पीएम थे तो भी उन्होंने भारत के खिलाफ गतिविधियां करना शुरू कर दिया था। इससे भारत और नेपाल के मधुर रिश्तों में काफी कड़वाहट पैदा हो गई थी। सूत्रों के अनुसार चीन इसके लिए नेपाल को पैसे भी दे रहा था। चीन की कोशिश नेपाल और पाकिस्तान के जरिये भारत में अस्थिरता पैदा करना है। ओली शी जिनपिंग के काफी करीबी हैं। इसलिए चीन मनमर्जी से भारत के खिलाफ नेपाल को तैयार करने में जुटा है। चीन भी चाहता है कि नेपाल में भारत विरोधी सत्ता रहे। ताकि वह अपने इशारे पर भारत के खिलाफ साजिश रच सके। अब आपको बताते हैं कि ओली भारत के किन हिस्सों पर नेपाल का होने का दावा कर रहे हैं।
भारत के इन हिस्सों को ओली ने बताया अपना
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने पश्चिमी नेपाल में भारतीय सीमा के नजदीक धारचुला जिले में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि हम भारत के उन हिस्सों को सत्ता में आने पर वापस लाएंगे, जिस पर भारत अपना दावा करता रहा है। केपी ओली ने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना बताते हुए कहा कि इन हिस्सों को हम नेपाल में वापस लाएंगे। कोली के इस बयान से साफ है कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो एक बार फिर से भारत और नेपाल के बीच ठन सकती है। इससे नया सीमा विवाद पैदा हो सकता है।
अभी नहीं है भारत और नेपाल के बीच कोई विवाद
मौजूदा स्थिति में भारत और नेपाल के बीच कोई विवाद नहीं है। बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिक आपस में मिलजुलकर रहते हैं। मगर केपी ओली के जहरीले बयान ने दोनों देशों के मधुर वातावरण में जहर फैलाना शुरू कर दिया है। दरअसल नेपाल में 20 नवंबर को संसदीय चुनाव होना है। ऐसे में सियासी मायलेज पाने के लिए ओली ने इस तरह की बयानबाजी करना शुरू किया है। वह पूरी तरह चीन के इशारे पर नाच रहे हैं।
अभी नेपाल में है किसकी सत्ता
अभी नेपाल में नेपाली कांग्रेस की सत्ता है। शेर बहादुर देउबा नेपाल के मौजूदा प्रधानमंत्री हैं। भारत और नेपाल के बीच वर्षों से दोस्ताना संबंध है। इसीलिए दोनों देशों के लोगों को एक दूसरे के यहां आने-जाने में कोई वीजा नहीं लगता। नेपाल के हिंदू मंदिरों में भारत से काफी संख्या में लोग जाते रहते हैं। वहीं बड़ी संख्या में नेपाली भारत में रोजगार की तलाश में आते हैं और यहीं कामकाज करते हैं।