नेपाल में नई संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ है। नेपाल में मतदाता उस राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने की उम्मीद में मतदान कर रहे हैं, जो एक दशक से अधिक समय से देश के लिए चिंता का कारण बनी हुई है और जिसने विकास को बाधित किया है। देशभर में 22,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। देश के गृह सचिव बिनोद प्रकाश सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि स्थानीय समयानुसार अपराह्न दो बजे तक देशभर में 46 प्रतिशत मतदान हुआ था। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।
अधिकारियों ने बताया कि कैलाली जिले के धनगढ़ी उप-महानगरीय शहर में शारदा माध्यमिक विद्यालय मतदान केंद्र के पास एक मामूली विस्फोट हुआ। इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि विस्फोट के कारण मतदान केंद्र में आधे घंटे के व्यवधान के बाद मतदान फिर शुरू हो गया। धनगढ़ी, गोरखा और दोलखा जिलों के 11 इलाकों से विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक होने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इनका मतदान पर कोई असर नहीं पड़ा। इस बीच, देश के प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने अपने गृह जिले दादेलधुरा में मतदान किया।
केपी शर्मा ओली ने किया मतदान
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने काठमांडू के पास भक्तपुर जिले की सूर्यबिनायक नगर पालिका स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला। सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने चितवन जिले की भरतपुर नगर पालिका स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला। इस बीच, 113 वर्षीय गोपी माया पोखरेल अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर देश में मतदान करने वाली सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गईं। पोखरेल ने काठमांडू से 220 किलोमीटर पश्चिम में स्थित तनहुं जिले में मतदान किया।
अधिकारियों ने बताया कि पोखरेल के नागरिकता प्रमाण पत्र के अनुसार, उनकी जन्मतिथि 22 जून, 1909 है। उन्होंने तनहुं जिले में भानु नगरपालिका के सेपाबगैचा स्थित महादेबता प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र में अपना वोट डाला। इसी तरह, 107 वर्षीय जसमणि कामी ने मयागढ़ी जिले के राष्ट्रीय माध्यमिक विद्यालय के एक मतदान केंद्र पर वोट डाला। मुख्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश कुमार थपलियाल ने बताया कि मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार रात नौ बजे से शुरू होगी। थपलियाल ने भक्तपुर में एक मतदान केंद्र पर मतदान करने के बाद कहा कि मतदान संपन्न होने के बाद सभी मत पेटियां शाम सात बजे तक मतगणना केंद्रों पर एकत्र की जाएंगी।
हजारों मतदान केंद्र बनाए गए
नेपाली मीडिया ने उनके हवाले से कहा, ‘‘इसके बाद हम करीब एक घंटे तक सभी दलों के साथ बैठक करेंगे और हमें रात नौ बजे तक मतगणना शुरू होने की उम्मीद है।’’ चुनाव के लिए 10,892 मतदान केंद्र बनाए गए और 17,988,570 लोग मतदान करने के लिए योग्य बताए गए हैं। थपलियाल ने कहा कि आयोग अगले आठ दिन में चुनाव के सभी नतीजों की घोषणा कर देगा, जबकि आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव प्रणाली के नतीजों की घोषणा आठ दिसंबर तक होगी। नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीट के लिए चुनाव हो रहे हैं। संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिए होगा, जबकि बाकी 110 को ‘आनुपातिक चुनाव प्रणाली’ के माध्यम से चुना जाएगा।
इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा। चुनावों पर करीबी नजर रखने वाले राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने त्रिशंकु संसद और एक ऐसी सरकार के गठन का अनुमान जताया है, जो नेपाल में आवश्यक राजनीतिक स्थिरता प्रदान नहीं कर पाएगी। नेपाल में करीब एक दशक तक रहे माओवादी उग्रवाद की समाप्ति के बाद से संसद में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है और 2006 में गृह युद्ध के खत्म होने के बाद से कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। नेतृत्व में बार-बार बदलाव और राजनीतिक दलों के बीच आपसी विवाद को देश के धीमे आर्थिक विकास का कारण बताया जाता है। चुनाव मैदान में दो प्रमुख राजनीतिक गठबंधन हैं-सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाला लोकतांत्रिक एवं वामपंथी गठबंधन और सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) के नेतृत्व वाला वामपंथी, हिंदू एवं राजशाही समर्थक गठबंधन।
अगली सरकार के समक्ष एक स्थिर राजनीतिक प्रशासन बनाए रखने, पर्यटन उद्योग में नयी जान फूंकने और अपने पड़ोसी देशों, चीन और भारत के साथ संबंधों को संतुलित करने जैसी चुनौतियां होंगी। नेपाल के निर्वाचन आयोग ने सभी 77 जिलों में चुनाव कराने के लिए 2,76,000 कर्मचारियों को तैनात किया है। शांतिपूर्ण मतदान के लिए करीब तीन लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। संघीय संसद के लिए चुनाव लड़ने वाले कुल 2,412 उम्मीदवारों में से 867 निर्दलीय हैं।