नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस (एनसी) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन संसदीय चुनाव जीतने की ओर बढ़ रहा है। पांच दलों के इस गठबंधन ने अब तक घोषित 90 सीट के नतीजों में 52 पर जीत दर्ज कर ली है। संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये होगा, जबकि बाकी 110 को आनुपातिक चुनाव प्रणाली के माध्यम से चुना जाएगा।
नेपाली कांग्रेस को अब तक 32 सीट पर मिली जीत
नेपाली कांग्रेस ने अब तक 32 सीट पर जीत दर्ज की है और 21 पर आगे चल रही है। वहीं, सीपीएन-माओइस्ट सेंटर ने नौ, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट ने सात और राष्ट्रीय जनमोर्चा तथा समाजवादी पार्टी ने दो-दो सीट पर जीत दर्ज की है। ये सभी दल सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं। सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के प्रमुख पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ गोरखा-2 सीट से निर्वाचित घोषित किये गये हैं। उन्हें 26,103 वोट मिले। उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के कविंद्र बुरलाकोटी को हराया, जिन्हें 12,637 वोट मिले।
पूर्व प्रधानमंत्री एवं सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के अध्यक्ष कुमार नेपाल राउतहाट-1 सीट से निर्वाचित हो गये हैं। उन्हें 33,522 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अजय गुप्ता(सीपीएन-यूएमएल) को 36,522 वोट प्राप्त हुए। मोओइस्ट सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट क्रमश: आठ और तीन सीट पर आगे चल रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) ने अब तक 20 सीट पर जीत दर्ज की है और 27 पर बढ़त बनाए हुए है।
वहीं, सीपीएन-यूएमएल के सहयोगी दल राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी ने क्रमश: चार और दो सीट पर जीत दर्ज की है। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी तीन सीट पर आगे चल रही है। नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने सात सीट पर जीत हासिल की है और चार पर बढ़त बनाये हुए है। नागरिक उन्मुक्ति पार्टी, जनमत पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा और निर्दलीय उम्मीदवारों ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है।
550 सीट के लिए रविवार को हुआ था मतदान
नेपाल में संघीय संसद की 275 सीट और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीट के लिए रविवार को मतदान हुआ था। मतगणना सोमवार को शुरू की गई। संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये होगा, जबकि बाकी 110 को ‘आनुपातिक चुनाव प्रणाली’ के माध्यम से चुना जाएगा। इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष मतदान, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा।