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नेपाल में क्यों शुरू हुई व्यापक हिंसा, सेना उतारने के बावजूद चिंताजनक हैं हालात, 100 से ज्यादा गिरफ्तारियां

नेपाल की पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान मकानों को जलाने और वाहनों में तोड़फोड़ करने के आरोप में 105 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 29, 2025 13:17 IST, Updated : Mar 29, 2025 13:34 IST
नेपाल में हिंसा को काबू करते सेना के जवान।
Image Source : AP नेपाल में हिंसा को काबू करते सेना के जवान।

काठमांडू: नेपाल में हिंसा का व्यापक दौर जारी है। सड़क पर सेना उतारने के बावजूद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए हैं। अब तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 2 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद 100 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। अब हिंसा में आंशिक कमी आती दिख रही है। यह देखते हुए नेपाल के प्राधिकारियों ने काठमांडू के पूर्वी हिस्से में सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया कर्फ्यू क्षेत्र में तनाव कम होने के बाद शनिवार को हटा दिया।

बता दें कि काठमांडू के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को उस समय तनाव पैदा हो गया था जब राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था, एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला कर दिया था, कई वाहनों में आग लगा दी थी तथा राजधानी के तिनकुने क्षेत्र में दुकानों में लूटपाट की थी। सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक टीवी कैमरामैन समेत दो लोगों की मौत हो गई है। बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया था। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, शुक्रवार शाम चार बजकर 25 मिनट से लगाया गया कर्फ्यू शनिवार सुबह सात बजे हटा लिया गया। 

क्यों हो रही है नेपाल में हिंसा

प्रदर्शनकारी राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन के संयोजक दुर्गा प्रसाई के सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर बुलेटप्रूफ वाहन पर सवार होकर बानेश्वर की ओर बढ़ने के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया। बानेश्वर में संसद भवन स्थित है। गिरफ्तार किए गए लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शमशेर राणा और पार्टी के केंद्रीय सदस्य रवींद्र मिश्रा शामिल हैं। काठमांडू जिला पुलिस रेंज के पुलिस अधीक्षक अपिल बोहरा ने बताया कि शुक्रवार के हिंसक प्रदर्शन के पीछे मुख्य व्यक्ति प्रसाई अब भी फरार है। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की घटना में 53 पुलिसकर्मी, सशस्त्र पुलिस बल के 22 जवान और 35 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।

प्रदर्शनकारियों ने कई इमारतों में लगाई आग

हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 14 इमारतों में आग लगा दी गई और नौ इमारतों में तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा नौ सरकारी वाहनों को आग लगा दी गई और छह निजी वाहनों में तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों ने तिनकुने इलाके में कांतिपुर टेलीविजन भवन और ‘अन्नपूर्णा मीडिया हाउस’ पर भी हमला किया। नेपाल के राजनीतिक दलों ने 2008 में संसद की घोषणा के माध्यम से 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर करके तत्कालीन हिंदू राष्ट्र को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया था।

राजा ज्ञानेंद्र शाह की एक अपील के बाद शुरू हुआ बवाल

राजशाही समर्थक तब से राजशाही की बहाली की मांग कर रहे हैं, जब से पूर्व नरेश ने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में समर्थन की अपील की थी। राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने नौ मार्च को भी पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के समर्थन में उस समय एक रैली की थी जब वह देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे थे।

पूर्व पीएम ने किया हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा

नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने लोगों से बातचीत की। साथ ही सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। 

(भाषा) 

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