Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. नेपाल: केपी शर्मा ओली को लगा बड़ा झटका, प्रचंड का साथ देगी नेपाली कांग्रेस!

नेपाल: केपी शर्मा ओली को लगा बड़ा झटका, प्रचंड का साथ देगी नेपाली कांग्रेस!

नेपाली कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति ने मंगलवार को हुई बैठक में फैसला किया कि वह प्रचंड के समर्थन में वोट डालेगी, लेकिन सरकार में शामिल नहीं होगी।

Written By: Shashi Rai @km_shashi
Published : Jan 10, 2023 17:06 IST, Updated : Jan 10, 2023 17:06 IST
पुष्प कमल दहल प्रचंड और केपी शर्मा ओली
Image Source : फाइल फोटो पुष्प कमल दहल प्रचंड और केपी शर्मा ओली

नेपाल में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। अविश्‍वास प्रस्‍ताव में प्रचंड को धोखा देकर सरकार बनाने की उम्‍मीद रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को बड़ा झटका लगा है। नेपाल की संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने अब घोषणा की है कि वह फ्लोर टेस्ट के दौरान प्रचंड का समर्थन करेगी। इससे पहले केपी ओली छोटे दलों को एकजुट कर अपनी पार्टी को संसद में सबसे बड़ा बनाना चाहते थे ताकि प्रचंड की सरकार गिराकर वे खुद सत्ता में आ सकें। 

मंगलवार को हुई बैठक में हुआ फैसला 

नेपाली कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति ने मंगलवार को हुई बैठक में फैसला किया कि वह प्रचंड के समर्थन में वोट डालेगी, लेकिन सरकार में शामिल नहीं होगी। पार्टी के संयुक्त महासचिव महेंद्र यादव ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमने संविधान बचाने के लिए प्रचंड सरकार के समर्थन में मतदान करने का फैसला किया है। इससे पहले सोमवार को प्रचंड ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की थी और अपनी सरकार के लिए समर्थन मांगा था।

नेपाली कांग्रेस के पास 88 सांसद हैं

नेपाली कांग्रेस वर्तमान में 88 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। सीपीएन-माओवादी केंद्र के 68 वर्षीय नेता ने 26 दिसंबर को तीसरी बार प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। तब उन्होंने विपक्ष के नेता केपी शर्मा के साथ हाथ मिलाने के लिए नाटकीय रूप से नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले चुनाव पूर्व गठबंधन को छोड़ दिया था। 

प्रचंड को 138 वोटों की जरूरत

नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने 20 नवंबर को हुए संसदीय चुनावों के लिए गठबंधन किया था। कथित तौर पर नेपाली कांग्रेस द्वारा एक पूर्व समझौते के अनुसार, प्रचंड को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। इसके बाद, सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने आश्चर्यजनक रूप से सीपीएन-यूएमएल के साथ एक नई सरकार बनाने के लिए गठबंधन किया। प्रचंड को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए 275 सदस्यीय संसद में 138 वोटों की जरूरत है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement