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Nepal Airlines: नेपाल सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है ये विमान, चीन ने दिया था कर्ज

Nepal:भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने बड़ी उम्मीदों से चीन से विमान खरीदा था। नेपाल को उम्मीद थी कि उनके संचालन से वह मुसीबतों से गुजर रहे नेपाल एयरलाइंस कॉरपोरेशन के लिए राजस्व अर्जित करेगा लेकिन दो साल से ज्यादा समय बीत चुका है।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: August 11, 2022 18:39 IST
Nepal Airlines- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Nepal Airlines

Highlights

  • चीनी विमानों की पहली खेप 2014 में आई थी
  • चीन ने नेपाल को करीब 6.67 अरब रुपये का कर्ज दिया
  • Y12e के पिछले हिस्से पर काई लग गया है

Nepal: भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने बड़ी उम्मीदों से चीन से विमान खरीदा था। नेपाल को उम्मीद थी कि उनके संचालन से वह मुसीबतों से गुजर रहे नेपाल एयरलाइंस कॉरपोरेशन के लिए राजस्व अर्जित करेगा लेकिन दो साल से ज्यादा समय बीत चुका है। चीन के लग्जरी विमान नेपाल के आसमान की जगह जमीन पर खड़े होकर जंग खा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि कोई आय नहीं होने के बाद भी देश का वित्त मंत्रालय इन विमानों के कर्ज पर ब्याज चीन को दे रहा है। नेशनल एयरलाइंस पहले से ही मुश्किल दौर से गुजर रही है और ऐसे में चीन के ये विमान नेपाल सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है, जो न निगल पा रहे हैं और न ही उगल पा रहे हैं।

विमानों पर लगा काई 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विमानों की पहली खेप 2014 में आई थी और उनका संचालन विमानों की कीमत से भी ज्यादा महंगा है। इसे नेपाल एयरलाइंस को भारी नुकसान हो रहा है। जुलाई 2020 में निगम के बोर्ड ने तंग आकर इन विमानों को भंडारण में रखने का फैसला किया। तीन 17-सीटर Y12e विमान और दो 56-सीटर MA60 विमान सहित पाँच निष्क्रिय विमान, काठमांडू में त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पूर्वी हिस्से में एक पार्किंग स्थल में खड़े कर दिए गए हैं। एक और विमान नेपालगंज में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और अब उड़ान की स्थिति में नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, विमान की हालात बेहद ही खराब हो गए हैं, Y12e के पिछले हिस्से पर काई लग गया है और इतना ही नहीं विमान के कई हिस्से जो धातु के बने हैं, अब जंग खा रहे हैं। नेपाल एयरलाइंस के एक वरिष्ठ कप्तान ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "ये विमान जंग के लिए अतिसंवेदनशील हैं।" जंग विमान की धातु और उसके हिस्सों को कमजोर कर देता है, जो न केवल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है बल्कि रखरखाव के लिए भी बेहद महंगा है।

चीन ने नेपाल को करीब 6.67 अरब रुपये का कर्ज दिया
कप्तान ने कहा कि किसी ने नहीं देखा कि विमान किस हालत में हैं। कोई नहीं जानता कि ये विमान और कितने सालों तक इस तरह जमीन पर खड़े रहेंगे। कुछ निजी एयरलाइंस के अधिकारियों का कहना है कि पार्क किए गए विमानों के साथ लंबे समय तक भंडारण की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। अंततः इससे विमान के मूल्य में गिरावट आएगी। नेपाल एयरलाइंस ने छह विमानों के उत्पादन के लिए चीनी सरकार के एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (AVIC) के साथ एक वाणिज्यिक समझौते पर नवंबर 2012 में हस्ताक्षर किए थे। डील को आसान बनाने के लिए चीन ने नेपाल को करीब 6.67 अरब रुपये का कर्ज दिया। कुछ राशि में से 2.94 अरब रुपये एक MA60 और एक Y12e विमान के लिए दिए गए थे। अन्य विमान 3.72 अरब रुपये में खरीदे गए। इसके लिए चीन के एक्जिम बैंक ने कर्ज मुहैया कराया था। सौदे के अनुसार, नेपाल सरकार को वित्त मंत्रालय द्वारा लिए गए कुल ऋण का 1.5 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज और सेवा शुल्क और रखरखाव खर्च का 0.4 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।

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