पाकिस्तान से 4 साल तक निर्वासन झेलने के बाद स्वदेश लौटे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर में पहली जनसभा की। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी लोगों की नब्ज टटोलते हुए निशाने पर वार करने का प्रयास किया। दरअसल नवाज शरीफ आगामी चुनाव में अपनी पार्टी की अगुवाई में चुनाव जीतने के इरादे से पाकिस्तान वापस आए हैं। वह फिर से पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। लिहाजा उन्होंने पाकिस्तानियों को आते ही कई बड़े सपने दिखाए हैं। गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान को नवाज ने फिर से पटरी पर लाने का सपना दिखाया है।
नवाज शरीफ ने नकदी की कमी से जूझ रहे देश के मौजूदा आर्थिक संकट पर शनिवार को अफसोस जताया और दावा किया कि अगर यह देश उनके 1990 के ‘आर्थिक मॉडल’ पर आगे बढ़ता, तो यहां एक भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं होता। पाकिस्तान लौटने के कुछ घंटों बाद ही 73 वर्षीय शरीफ ने शनिवार शाम यहां मीनार-ए-पाकिस्तान पर जमा भारी भीड़ को संबोधित किया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) अध्यक्ष ने अफसोस जताया कि मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से अब लोगों को यह तय करना पड़ता है कि वह बिजली बिल का भुगतान करे, या फिर अपने बच्चों का भरण-पोषण करे। उन्होंने कहा, ''लोग आत्महत्या कर रहे हैं और बिल का भुगतान करने के लिए पैसे उधार ले रहे हैं।'
चीनी पर नवाज ने बोले गुड़ से मीठे बोल
' नवाज ने कहा, ''मेरे कार्यकाल के दौरान गरीबों के पास कम से कम अपना इलाज कराने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन तो थे।'' पूर्व प्रधान मंत्री ने 2017 में अयोग्य घोषित किये जाने की आलोचना करते हुए कहा, ''यह सब शहबाज शरीफ के कार्यकाल में शुरू नहीं हुआ। यह उससे बहुत पहले शुरू हुआ था। अमेरिकी डॉलर के मूल्य जरूरत से ज्यादा बढ़ गए हैं, बिल बढ़ रहे हैं और रोजाना की जरूरत की चीजों के साथ-साथ पेट्रोल के दाम भी बढ़ रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमारे कार्यकाल में चीनी 50 रुपये प्रति किलोग्राम थी, आज 250 रुपये प्रति किलोग्राम है।
क्या इसलिए आपने नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल किया था?'' शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान उनके 1990 के आर्थिक मॉडल पर आगे बढ़ता, तो देश में एक भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं होता, गरीबी जैसी कोई चीज नहीं होती। लेकिन आज हालात इतने खराब हैं कि सोचना पड़ता है कि अपने बच्चों का पेट भरें या बिजली बिल भरें। (भाषा)
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