Highlights
- ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है।
- चीन ने अमेरिका को ‘गंभीर नतीजे’ भुगतने की धमकी दी है।
- अमेरिका ने पेलोसी पर चीन के बयान की निंदा की है।
Nancy Pelosi Taiwan: अमेरिका ने प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान यात्रा (Taiwan visit) को लेकर चीन और अमेरिका में बुरी तरह ठन गई है। बताया जा रहा है कि पेलोसी मलेशिया की यात्रा करने के बाद ताइवान पहुंचीं और रात भी वहीं बिताएंगी। चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा पर भड़कते हुए अमेरिका को ‘गंभीर नतीजे’ भुगतने की धमकी दी है जबकि अमेरिका की तरफ से वैसा पलटवार देखने को नहीं मिला है। इस बीच चीन की सेना का काफिला ताइवान से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर एक पुल पर देखा गया है, और पीएलए के टैंक समुद्र किनारे पहुंच चुके हैं।
‘यात्रा करने या न करने का अंतिम फैसला पेलोसी का’
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि ताइवान की यात्रा करने या न करने का अंतिम फैसला पेलोसी का ही है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सांसद पिछले कई सालों से लगातार ताइवान आते जाते रहे हैं। किर्बी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को चिंता है कि बीजिंग इस यात्रा को बहाना बनाकर ताइवान स्ट्रेट या ताइवान के आस-पास सैन्य कदम उठाने, ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने और स्ट्रेट में बड़े पैमाने पर नेवल एक्सरसाइज करने समेत उकसाने की कार्रवाई कर सकता है।
‘हम नैंसी पेलोसी की यात्रा पर करीबी नजर रख रहे हैं’
चीन ने कहा है कि वह पेलोसी की ताइवान की यात्रा पर करीबी नजर रख रहा है। उसने अमेरिका को पहले ही आगाह किया था कि अगर पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो उसकी सेना ‘कड़ा जवाब’ देगी और इसके ‘गंभीर नतीजे’ भुगतने पड़ेंगे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवान की सीमा से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक पुल पर से चीनी सेना के काफिले को गुजरते हुए देखा गया है। वहीं, समुद्र के पास भी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के टैंक नजर आए हैं।
मलेशिया के प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी से मिलीं पेलोसी
इससे पहले नैंसी पेलोसी ने मंगलवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी और विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला से मुलाकात की। पेलोसी ने इस मुलाकात की फोटो ट्वीट कर कहा, ‘हमने क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को आगे बढ़ाने, आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और जलवायु संकट को दूर करने समेत साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की।’ मलेशिया के बाद पेलोसी ताइवान पहुंचीं और रात भी वहीं बिताएंगी। ताइपे एयरपोर्ट पर ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने पेलोसी का स्वागत किया। इस मौके पर एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
चीन और अमेरिका में जंग करवाएगी पेलोसी की यात्रा!
चीन इस मसले पर कड़ा रुख अख्तियार किए हुए है और अमेरिका को लगातार धमकी दे रहा है। हालांकि इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच जंग होगी, इसकी संभावना कम ही है। दरअसल, ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है और किसी भी देश की ऐसी किसी भी कोशिश का विरोध करता है जिससे ताइवान को एक संप्रभु राष्ट्र के तौर पर देखा जाए। ऐसे में यह तो तय है कि पेलोसी की ताइवान यात्रा दोनों देशों के बीच बहुत ही ज्यादा कड़वाहट पैदा करेगी, लेकिन यह तल्खी जंग के रूप में सामने आएगी, इसकी संभावना बहुत कम है।
चीन ने लड़ाकू विमान भेज अमेरिका को दिया 'डेमो'!
पेलोसी के ताइवान पहुंचने के कुछ देर बाद, चीनी विधायिका की स्थायी समिति के एक प्रतिनिधि ने एक बयान जारी कर कहा कि इस यात्रा ने 'एक चीन के सिद्धांत' का 'गंभीर उल्लंघन' किया है। पेलोसी के ताइवान पहुंचने से कुछ समय पहले चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि चीनी SU-35 लड़ाकू जेट ताइवान जलडमरूमध्य को ‘पार’ कर रहे हैं। हालांकि बयान में यह साफ नहीं किया गया कि ये लड़ाकू विमान कहां जा रहे थे या उनका प्लान क्या था। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि उसकी हवाई सीमा में चीन के 21 लड़ाकू विमान घुसे थे।