Myanmar News: भारत ने म्यांमा की सैन्य सरकार द्वारा लोकतंत्र समर्थक चार एक्टिविस्ट को फांसी दिए जाने पर गुरुवार को गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि देश (म्यांमार) में कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कायम रखा जाना चाहिए। म्यांमार में कार्यकर्ताओं को फांसी दिए जाने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘हमने म्यांमा में इन घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। म्यांमार के पड़ोसी देश के तौर पर, हमने हमेशा मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल दिया है।’’
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता की प्रेस कांफ्रेंस
बागची साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान इस विषय पर मीडिया के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। सोमवार को, म्यांमार की सैन्य सरकार ने शासन के खिलाफ ‘‘आतंकवादी कृत्यों’’ में शामिल होने का आरोप लगाते हुए चार कार्यकर्ताओं को फांसी देने की घोषणा की थी। वहीं, श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर अगले महीने एक चीनी पोत की प्रस्तावित यात्रा से जुड़े सवाल पर बागची ने कहा, ‘‘हम इस पोत द्वारा अगस्त में हंबनटोटा की प्रस्तावित यात्रा की खबरों से अवगत हैं। सरकार, भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों को प्रभावित करने वाले किसी भी घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर रखे हुए है और सभी आवश्यक उपाय करेगी।’’ इसके अलावा, भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में ताशकंद में अफगानिस्तान पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान अफगान लोगों की उनके ‘‘कठिन समय’’ में सहायता करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
25 और 26 जुलाई को आयोजित सम्मेलन में लगभग 20 देशों ने भाग लिया और इसका उद्देश्य युद्धग्रस्त देश में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना था। सम्मेलन से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत ने इस आयोजन में भाग लिया। यह अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ने के लिए जारी हमारे प्रयासों का हिस्सा है।’’