Highlights
- इस्लामिक हिजाब पहना हुआ था
- इस्लामी धर्मगुरुओं का प्रभाव खत्म किए जाने का आह्वान कर रहे हैं
- अधिकारियों से भिड़ते हुए दिखाई देते हैं
Muslim Women Protest in Iran: पुलिस हिरासत में एक युवती की मौत के बाद शुक्रवार की सुबह पूरे ईरान में प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों के साथ भिड़ गए। सरकारी टेलीविजन ने बताया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या 26 तक हो सकती है। देश की महिलाएं इस्लामिक ड्रेस कोड के खिलाफ सड़कों पर उतर आई हैं। कई ईरानी शहरों और कस्बों में विरोध का स्तर स्पष्ट नहीं है। यह आंदोलन 2019 के आंदोलन के बाद व्यापक अशांति को दर्शाता है। मानवाधिकार समूहों ने 2019 में हुए आंदोलन के बारे में कहा था कि कि इसमें सैकड़ों लोग मारे गए। इंटरनेट पर नजर रखने वाले नेटब्लॉक्स के अनुसार, ईरान ने इंटरनेट तक पहुंच को भी बाधित कर दिया है।
सोशल मीडिया पर लगाया प्रतिबंध
रैलियों के आयोजन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकारी टेलीविजन पर एक समाचारवाचक ने बृहस्पतिवार देर रात कहा कि 22 वर्षीय महसा अमिनी के अंतिम संस्कार के पश्चात पिछले शनिवार को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से 26 प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़े बाद में जारी किए जाएंगे लेकिन पूर्व में हो चुकी ऐसी घटनाओं में ईरान सरकार ने मरने वालों की संख्या आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की है। सरकारी और अर्ध-सरकारी मीडिया के बयानों के आधार पर द एसोसिएटेड प्रेस के एक आंकड़े के अनुसार हिंसा में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं।
दुनिया भर में ईरान की आलोचना
हाल में काज़्विन के डिप्टी गवर्नर अबोलहसन कबीरी ने कहा था कि उत्तर-पश्चिमी प्रांत के दो शहरों में हुई हिंसा में एक आम नागरिक और अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी की मौत हो गई। ईरान में मौजूदा हिंसा उत्तर-पश्चिमी कुर्द शहर की युवती अमिनी की मौत के बाद शुरू हुई, जिसे पिछले हफ्ते तेहरान में देश की नैतिकता पुलिस ने सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसकी मृत्यु पर पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र ने ईरान की तीखी निंदा की है और घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है।
हिजाब फेंक रही महिलाएं
वीडियो में दिखता है कि अमिनी ने अपनी गिरफ्तारी के समय एक लंबा काला गाउन (अबाया) और सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया इस्लामिक हिजाब पहना हुआ था। घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं और स्वतंत्रता के नारों के बीच कई महिलाओं द्वारा हिजाब जलाए जाने के वीडियो सामने आए हैं। कुछ लोग शासन पर इस्लामी धर्मगुरुओं का प्रभाव खत्म किए जाने का आह्वान कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी तानाशाह को मौत और मुल्लाओं को जाना होगा जैसे नारे लगाते नजर आते हैं। राजधानी तेहरान से लेकर अमिनी के कुर्द गृहनगर साकेज़ तक कम से कम 13 शहरों में हजारों ईरानी लोग सामाजिक और राजनीतिक दमन का आरोप लगाते हुए
रैलियों में शामिल होने पर गिरफ्तारी
सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो में तेहरान में प्रदर्शनकारी पुलिस की एक गाड़ी को आग लगाते हुए और अधिकारियों से भिड़ते हुए दिखाई देते हैं। वीडियो में राजधानी में गोलियों की आवाज़ भी सुनाई देती है और लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘वे लोगों को गोली मार रहे हैं। हे ईश्वर! वे लोगों को मार रहे हैं।’’ उत्तर पश्चिमी शहर नेशाबुर में, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक गाड़ी के पलट जाने पर खुशी मनाई। इस बीच, कट्टरपंथी समूहों ने ईरान में सरकार के समर्थन में प्रदर्शन किया। वे अमेरिका और इजराइल के खिलाफ नारे लगा रहे थे। ईरान के खुफिया मंत्रालय ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि लोग सड़कों पर "अवैध" रैलियों में शामिल न हों, अन्यथा उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।