नई दिल्ली: अनुभवी राजनयिक मुक्तेश कुमार परदेशी को तुर्किये में देश का नया राजदूत नियुक्त किया गया है। तुर्किये हाल में पश्चिम एशिया समेत क्षेत्रीय संघर्षों के समाधान में एक प्रभावशाली वार्ताकार देश के रूप में उभरा है। भारतीय विदेश सेवा के 1991 बैच के अधिकारी परदेशी अभी विदेश मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत हैं। विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘उनके जल्द ही कार्यभार संभालने की उम्मीद है।’’
G20 शिखर सम्मेलन में निभाई थी बड़ी भूमिका
पिछले साल सितंबर में G20 शिखर सम्मेलन हुआ था। इस दौरान परदेशी अधिकारियों की उस टीम का अहम हिस्सा थे जिन्होंने में इसकी सफल मेजबानी में अहम भूमिका निभाई थी। यूक्रेन संघर्ष पर मतभेदों को दूर करते हुए नेताओं के घोषणापत्र पर सहमति बनाने में भी उनकी अहम भूमिका रही थी। निवर्तमान राजनयिक वीरेंद्र पॉल का लंबी बीमारी के कारण निधन होने के बाद जून से ही तुर्किये में भारत के राजदूत का पद रिक्त है।
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विदेश मंत्रालय में सचिव (दूतावास, पासपोर्ट, वीजा और विदेशी भारतीय मामलों) के तौर पर परदेशी ने पश्चिम एशिया में रह रहे भारतीयों की मदद के साथ ही क्षेत्र में परस्पर संबंध बढ़ाने के लिए विभिन्न पहल शुरू की थी। वह जुलाई 2019 से जुलाई 2022 तक न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त रहे थे। उन्हें समोआ, वानुआतु, नियू और कुक आइलैंड्स के उच्चायुक्त के तौर पर मान्यता दी गई है।
दिल्ली विश्वविद्यालय से की है पढ़ाई
परदेशी अप्रैल 2016 से जून 2019 तक मेक्सिको के राजदूत भी रहे। तीन दशकों के राजनयिक करियर में परदेशी जकार्ता (2007-10) समेत कई भारतीय दूतावास में काम कर चुके हैं और वह जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन (2004-07) में काउंसलर भी रहे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और हिंदू कॉलेज, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक और परास्नातक की डिग्री हासिल की है। (भाषा)
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