लाहौर: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 मई 2023 की हिंसा से संबंधित आठ मामलों में गिरफ्तारी के बाद जमानत की मांग करते हुए लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया है। इन मामलों में एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के आवास पर हमला भी शामिल है। लाहौर उच्च न्यायालय के समक्ष शनिवार को अलग-अलग जमानत याचिकाएं दायर की गईं। पिछले साल नवंबर में लाहौर की आतंकवाद निरोधक अदालत ने इन मामलों में खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
इमरान खान (72) ने अपनी याचिकाओं में तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष उनकी गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हुई हिंसा में उनकी संलिप्तता साबित करने में विफल रहा है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से 9 मई 2023 को अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई बिल्डिंग समेत एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की।
सेना के मुख्यालय पर भीड़ ने किया था हमला
भीड़ ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी हमला किया था। खान ने कहा कि नौ मई के मामलों में “केवल राजनीतिक कारणों से उन्हें परेशान करने और अपमानित करने की एक सुनियोजित साजिश” के परिणामस्वरूप फंसाया गया। उन्होंने कहा कि इन मामलों में उनके खिलाफ एकमात्र आरोप ‘उकसाने’ का है, जिसे अभियोजन पक्ष ने अत्यंत अस्पष्ट तरीके से आगे बढ़ाया है। लाहौर उच्च न्यायालय सोमवार को खान की याचिका पर विचार कर सकता है। खान अगस्त 2023 से कई मामलों के सिलसिले में जेल में हैं। (भाषा)