इंडोनेशियाई द्वीप पापुआ न्यू गिनी में भीषण ज्वालामुखी विस्फोट से हाहाकार मच गया है। आग की भयंकर लपटें आसामान को छूती दिख रही हैं। इससे हजारों लोगों का जीवन संकट में पड़ गया है। ज्वालामुखी की चपेट में तमाम जिंदगियां खतरे में पड़ गई हैं। लिहाजा उनकी जान बचाने के लिए राहत और बचाव दल तेजी से लोगों को सुरक्षित ठिकानों की ओर विस्थापित कर रहा है। वहीं पापुआ न्यू गिनी पर आए इस भारी संकट के वक्त भारत हनुमान बन कर खड़ा है। ज्वालामुखी विस्फोट की खबर आते ही भारत ने बड़ी राहत सामग्री भेजी है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत ने पापुआ न्यू गिनी में ज्वालामुखी में हुए विस्फोट से प्रभावित लोगों के लिए बृहस्पतिवार को 10 लाख डॉलर मूल्य की राहत सामग्री भेजी है। यह संकटग्रस्त देश के लिए बहुत बड़ी राहत है।भारत विभिन्न देशों के लिए महामारी काल से लेकर प्राकृतिक आपदाओं में सबसे बड़ा मददगार बनकर खड़ा है। तुर्की और सीरिया में कई महीने पहले आए विनाशकारी भूकंप में भी भारत ने ही सबसे पहले अपनी आर्मी और राहत सामग्री भेजी थी। पूरी दुनिया में भारत के मानवीय कदमों की सराहना हो रही है। फिर चाहे इजरायल-हमास युद्ध की बात हो या रूस यूक्रेन युद्ध की। दोनों ही प्रभावित देशों को भारत ने सबसे पहले मानवीय सहायता भेजकर विश्व को बड़ा संदेश देने का काम किया है।
26 हजार लोगों को किया विस्थापित
पापुआ न्यू गिनी में माउंट उलावुन में एक ज्वालामुखी में हुए विस्फोट से देश को बड़ा नुकसान हुआ है। इससे प्रभावित इलाके से 26,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 'एक्स' पर कहा,''पापुआ न्यू गिनी में हुए ज्वालामुखी विस्फोट से प्रभावित लोगों के लिए भारत द्वारा घोषित 10 लाख डॉलर की राहत सहायता के अनुसरण में एक विशेष विमान राहत सामग्री लेकर पोर्ट मोरेस्बी के लिए रवाना हुआ।''