इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सियासत में पिछले कुछ महीनों से लगातार हलचल जारी है। बीते अप्रैल में प्रधानमंत्री पद की कुर्सी खोने के बाद इमरान खान पहले ही शहबाज शरीफ की सरकार पर हमलावर हैं, वहीं अब पाकिस्तानी पीएम की भतीजी मरियम नवाज ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पेट्रोल की कीमत बढ़ाए जाने को लेकर मरियम के विरोधी सुरों के बाद पाकिस्तान की सरकार को सफाई देते नहीं बन रहा है। कई सियासी जानकारों का कहना है कि हो सकता है कि धीरे-धीरे नवाज शरीफ के उत्तराधिकार की लड़ाई की तरफ बढ़े, वहीं कुछ इसे महज नूरा कुश्ती करार दे रहे हैं।
पहले भी आती रही हैं विरासत की जंग की खबरें
बता दें कि पहले भी शहबाज शरीफ और मरियम नवाज के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई की खबरें आती रही हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से इस तरह की अटकलों पर विराम लगा हुआ था। हालांकि पाकिस्तान सरकार मंगलवार को उस समय बचाव की मुद्रा में आ गई जब मरियम नवाज ने हाल में मुल्क में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने सोमवार को पेट्रोल की कीमत में वृद्धि की थी जबकि हाई स्पीड डीजल (HSD) और केरोसिन के तेल में अगले पखवाड़े तक के लिए कमी की थी।
‘बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए नवाज शरीफ’
PML-N की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि का कड़ा विरोध किया है और कीमतों में वृद्धि पर आयोजित बैठक को ‘बीच में ही छोड़कर चले गए।’ नवाज शरीफ इलाज के लिए कुछ महीनों पहले लंदन चले गए थे और फिलहाल वहीं रह रहे हैं। मरियम के ट्वीट से बचाव की मुद्रा में आए वित्तमंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि संशोधन में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘कीमतों में वृद्धि या कमी पाकिस्तान स्टेट ऑयल द्वारा खरीद के मुताबिक होती है।’
आर्थिक मोर्चे पर भारी संकट से घिरा हुआ है पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान न सिर्फ सियासी मोर्चे पर बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी जबरदस्त तनाव झेल रहा है। आर्थिक जानकारों की मानें तो अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो पाकिस्तान दिवालिया भी हो सकता है। यह मुल्क पहले ही FATF की ग्रे लिस्ट में है और इसे IMF समेत अन्य स्रोतों से कर्जे मिलने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में मरियम नवाज का अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना सियासी संकट में और इजाफा कर सकता है।