माले: मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नीत सरकार द्वारा अपनी भारत नीति में ‘‘अचानक किए गए बदलाव’’ का स्वागत किया है। एमडीपी ने कहा कि माले इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि देश पर जब भी संकट आएगा और वह मदद के लिए पुकारेगा तो नई दिल्ली सबसे पहले सहायता करेगा। एमडीपी के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने शनिवार को यहां भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद यह बात कही।
'माफी मांगे मुइज्जू सरकार'
एमडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि मुइज्जू सरकार अपने अधिकारियों के कृत्यों, झूठ और गैर-जिम्मेदाराना बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जिनकी वजह से मालदीव को विदेश और आर्थिक मोर्चे पर खासा नुकसान हुआ है। जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। द्वीपीय राष्ट्र के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लगभग नौ महीने पहले पदभार संभालने के बाद नई दिल्ली की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
'सबसे पहले मदद के लिए आएगा भारत'
पूर्व विदेश मंत्री शाहिद ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘भारत के विदेश मंत्री जयशंकर का मालदीव में एमडीपी सचिवालय के अपने सहयोगियों के साथ स्वागत करने और मुलाकात में मुझे बेहद खुशी हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मालदीव इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि जब भी मालदीव ‘‘अंतरराष्ट्रीय 911 डायल करेगा’’ तो सबसे पहले मदद करने वाला देश भारत होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा सरकार की ओर से भारत के खिलाफ आक्रामक नारे लगाने, मजाक उड़ाने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के कारण मालदीव की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा, आर्थिक क्षति हुई तथा कई अन्य अनावश्यक कठिनाइयां और चुनौतियों का सामना करना पड़ा।’’ शाहिद ने कहा, ‘‘ऐसे में अब जब राष्ट्रपति मुइज्जू सरकार की मालदीव-भारत नीति में अचानक बदलाव आया है तो एमडीपी इसका स्वागत करती है।’’
बिगड़ गए थे रिश्ते
चीन के प्रति झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच पिछले साल संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी। राष्ट्रपति मुइज्जू ने शनिवार को भारत को ‘‘सबसे करीबी सहयोगियों में से एक’’ बताया और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता जाहिर की थी। शाहिद ने कहा, ‘‘एमडीपी को उम्मीद है कि यह बदलाव अस्थायी या दिखावा नहीं होगा, बल्कि मालदीव के लोगों के सर्वोत्तम हित में होगा।’’ (भाषा)
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